पटना हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, पंचायत या जिला प्रमुख के खिलाफ पांच साल में एक बार ही लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव

By एस पी सिन्हा | Updated: June 28, 2021 18:31 IST2021-06-28T18:22:54+5:302021-06-28T18:31:39+5:30

पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि पंचायत या जिला प्रमुख के खिलाफ पांच साल के कार्यकाल में एक बार ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है।

patna high court important verdict says no confidence motion can be brought against panchayat head in only one time in five year term | पटना हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, पंचायत या जिला प्रमुख के खिलाफ पांच साल में एक बार ही लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव

फाइल फोटो

Highlightsपंचायत या जिला प्रमुख के खिलाफ पांच साल में एक बार ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। बिहार में पंचायत चुनाव अगस्त में होने की संभावना जताई जा रही है। पटना हाईकोर्ट के इस अहम फैसले की सभी जगह चर्चा होने लगी है।

पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि पंचायत या जिला प्रमुख के खिलाफ पांच साल के कार्यकाल में एक बार ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। उनके खिलाफ दोबारा प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। बिहार में पंचायत चुनाव अगस्त में होने की संभावना जताई जा रही है। इसे लेकर मंथन भी जारी है। इस बीच पटना हाईकोर्ट के इस अहम फैसले की सभी जगह चर्चा होने लगी है।

इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट में म्यूनिसपल बिल्डिंग ट्रिब्यूनल के गठन के मामले पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार द्वारा पटना हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नगरपालिका भवन ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होने को हाईकोर्ट ने काफी गम्भीरता से लिया। गोपाल प्रसाद भारतीय की याचिका पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति सीएस सिंह ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को ट्रिब्यूनल गठन के लिए दस दिनों की मोहलत दी है। 

हाईकोर्ट सख्त कार्रवाई करेगा

इस संबंध में पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि इस अवधि में नगरपालिका भवन प्राधिकार, (ट्रिब्यूनल) का गठन नहीं किया गया, तो हाईकोर्ट सख्त कार्रवाई करेगी। इसी वर्ष 22 मार्च 2021 को हाईकोर्ट ने इस ट्रिब्यूनल का गठन करने के लिए राज्य सरकार को एक माह का समय दिया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 25 जून को रखी थी। 

राज्य सरकार जल्द निर्णय लेगी

हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने बताया कि इस ट्रिब्यूनल का गठन करने के संबंध में शीघ्र राज्य सरकार निर्णय लेगी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट के तीन माह पूर्व दिए गए आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। अब तक ट्रिब्यूनल का गठन क्यों नहीं किया गया? पिछले कई सालों से ट्रिब्यूनल का गठन नहीं होने के कारण बड़ी तादाद में मामले सुनवाई के लिए लंबित हैं। इससे आम लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है और वे परेशान हो रहे हैं। कोर्ट राज्य सरकार के रवैए पर नाराजगी जताई, लेकिन उसे ट्रिब्यूनल के गठन के लिए दस दिनों का समय दिया है। इस मामले दस दिनों बाद अगली सुनवाई होगी।

Web Title: patna high court important verdict says no confidence motion can be brought against panchayat head in only one time in five year term

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