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Parliament winter session: अवैध फोन टैपिंग पर 3 साल की जेल, दो करोड़ रुपये जुर्माना या दोनों का प्रावधान, नए दूरसंचार विधेयक, 2023 लोकसभा में पेश, जानें और क्या

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2023 21:51 IST

Parliament winter session: लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए नए दूरसंचार विधेयक, 2023 के अनुसार, यदि कोई राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित के खिलाफ किसी भी तरह से काम करता है।

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ठळक मुद्देव्यक्ति की दूरसंचार सेवा निलंबित या समाप्त भी कर सकती है। नुकसान के एवज में मुआवजे और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा।अधिकृत व्यक्ति इस तरह के उपकरण को अपने कब्जे में ले सकता है।

Parliament winter session: अवैध रूप से फोन संचार को बाधित करना, अनधिकृत डेटा स्थानांतरण या दूरसंचार नेटवर्क तक पहुंच हासिल करने का प्रयास करने पर जल्द ही तीन साल तक की कैद की सजा या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों लागू हो सकते हैं।

लोकसभा में सोमवार को पेश किए गए नए दूरसंचार विधेयक, 2023 के अनुसार, यदि कोई राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित के खिलाफ किसी भी तरह से काम करता है और अवैध रूप से दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है या दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है या दोनों सजा दी जा सकती हैं।

यदि केंद्र सरकार उचित समझती है तो ऐसे व्यक्ति की दूरसंचार सेवा निलंबित या समाप्त भी कर सकती है। विधेयक में कहा गया है कि जो कोई भी महत्वपूर्ण दूरसंचार बुनियादी ढांचे के अलावा दूरसंचार नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है, वह नुकसान के एवज में मुआवजे और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा।

विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कोई भी अधिकारी किसी भी इमारत, वाहन, जहाज, विमान या स्थान की तलाशी ले सकता है, जहां उसे कोई अनधिकृत दूरसंचार नेटवर्क या दूरसंचार उपकरण या रेडियो उपकरण रखने या छिपाये जाने का भरोसा हो। विधेयक के अनुसार, अधिकृत व्यक्ति इस तरह के उपकरण को अपने कब्जे में ले सकता है।

दूरसंचार विधेयक 2023 प्रगतिशील, डिजिटल संपर्क, नवाचार को बढ़ाने वाला: उद्योग

उद्योग जगत ने सोमवार को लोकसभा में पेश दूरसंचार विधेयक 2023 को प्रगतिशील बताते हुए कहा कि इससे डिजिटल संपर्क तथा नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा। सरकार 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदलने के लिए भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 लाई है।

संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे के बीच यह विधेयक पेश किया। भारतीय अंतरिक्ष संघ के महानिदेशक ए के भट्ट ने कहा कि उपग्रह आधारित संचार नेटवर्क में बहुत अधिक क्षमता है, जो भारत को डिजिटल और विकसित अर्थव्यवस्था में बदल सकती है।

भट्ट ने कहा, ''सैटकॉम के लिए प्रशासनिक पद्धति से स्पेक्ट्रम आवंटित करके भारत खुद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बना सकता है। इससे वैश्विक उपग्रह बाजार में देश की स्थिति मजबूत होगी।'' एसआईए-इंडिया ने कहा कि विधेयक उपग्रह स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर जोर देता है।

संस्था के सदस्यों में वियासैट, इनमारसैट, एसईएस, ह्यूजेस कम्युनिकेशंस शामिल हैं। एसआईए-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने कहा कि उनका संगठन उपग्रह संचार क्षेत्र में स्पेक्ट्रम प्रबंधन पर प्रगतिशील रुख के लिए भारत सरकार की सराहना करता है।

इंटरनेट आधारित कंपनियों के प्रतिनिधि निकाय भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ (आईएएमएआई) ने विधेयक का स्वागत किया, क्योंकि यह इंटरनेट आधारित संचार सेवाओं, प्रसारण सेवाओं, मशीन से मशीन संचार सेवाओं और ओवर द टॉप (ओटीटी) संचार सेवाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।

आईएएमएआई के सदस्यों में गूगल और व्हाट्सऐप शामिल हैं। दूरसंचार विशेषज्ञ और स्वतंत्र सलाहकार पराग कर ने कहा कि यह विधेयक ऐतिहासिक है, क्योंकि यह उपग्रह और बैकहॉल जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर लंबे समय से चली आ रही दुविधा को साफ करता है।

इस विधेयक के जरिये सरकार नया दूरसंचार कानून बनाने का प्रस्ताव कर रही है, जो टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की जगह लेगा। इस विधेयक को मंत्रिमंडल ने अगस्त में मंजूरी दी थी। इस मसौदा कानून के जरिये दूरसंचार कंपनियों के लिए कई अहम नियम सरल तो होंगे ही, इसके जरिये उपग्रह सेवाओं के लिए भी नये नियम लाये जाएंगे।

इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं को सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर अपने नियंत्रण में लेने, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) को दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा से बाहर करने तथा उपग्रह स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए गैर-नीलामी का मार्ग उपलब्ध कराने के प्रावधान हैं।

टॅग्स :संसद शीतकालीन सत्रभारत सरकारAshwini Vaishnav
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