Parliament Winter Session: क्या बालू जी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात में पार्टी का विस्तार करना चाह रहे हो?, ओम बिरला ने द्रमुक नेता से चुटीले अंदाज में किया सवाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 3, 2024 13:01 IST2024-12-03T13:00:27+5:302024-12-03T13:01:45+5:30
Parliament Winter Session: लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या बालू जी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात में पार्टी का विस्तार करना चाह रहे हो?’’

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Parliament Winter Session: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक नेता टी आर बालू से चुटीले अंदाज में सवाल किया कि क्या वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की जब बालू ने मनरेगा से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछा। बालू ने इस मुद्दे को उठाते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में मनरेगा का मानदेय कम होने का दावा किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘क्या बालू जी, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात में पार्टी का विस्तार करना चाह रहे हो?’’
मनरेगा से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान बिरला ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी पर भी व्यंग्यात्मक अंदाज में टिप्पणी की। प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न पूछने के लिए आसन से नाम पुकारे जाने पर जब बनर्जी खड़े नहीं हुए जो बिरला ने कहा, ‘‘थोड़ा कानों को ठीक रखो कल्याण बाबू।’’ कई दिनों तक हंगामे के बाद मंगलवार को राज्यसभा में सामान्य रूप से कामकाज शुरू हो गया।
सदस्यों ने सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठाए। शुरुआती हंगामे के बाद सदन में शून्यकाल संपन्न हुआ और उसके बाद प्रश्नकाल लिया गया। राज्यसभा में 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से कोई खास कामकाज नहीं हो पाया था क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा सहित कई मुद्दों पर हंगामा किया।
समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को शून्यकाल (सुबह के सत्र) के दौरान सदन से बहिर्गमन किया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भी कुछ देर के लिए सदन से बहिर्गमन किया। इससे पहले, सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के तहत 42 नोटिस मिले हैं, जो संविधान को अपनाने की सदी की अंतिम तिमाही में अब तक की सबसे अधिक संख्या है।
उन्होंने किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं किया। धनखड़ ने बताया कि सांसदों में से एक ने नियम 267 के तहत एक से अधिक नोटिस दिए। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि नियम 267 के नोटिस पर विचार करने से पहले ही एक सदस्य ने इसे सार्वजनिक कर दिया। सभापति ने इसे प्रावधानों की अवहेलना करार दिया और कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विभिन्न दलों के नेताओं के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने सदस्यों से उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया। बाद में, सदन ने शून्यकाल के उल्लेखों के साथ कार्यवाही शुरू की, जिनमें सभापीठ की पूर्व अनुमति से मुद्दे उठाए जाते हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एमडीएमके के वाइको ने तमिलनाडु में फेंगल चक्रवात के कारण हुए नुकसान के मुद्दे को उठाया। समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया।