Parliament Winter Session: महाराष्ट्र में ‘महायुति’ की प्रचंड जीत से उत्साहित सत्तापक्ष के सदस्यों ने सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहुंचने पर ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाकर उनका अभिवादन किया। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब पहुंचे तक केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।
सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने ‘जय भवानी’ का नारा भी लगाया। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के हाल में घोषित नतीजों में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में कायम रहने में सफल रहा है। इस गठबंधन के घटक दलों में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 132 सीट, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 57 और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट हासिल हुईं। विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटक दल राकांपा (शरदचंद्र पवार), कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) सामूहिक रूप से राज्य की 288 विधानसभा सीट में से केवल 46 पर ही जीत हासिल कर सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्हें लोगों ने 80-90 बार खारिज कर दिया है, वे अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ‘हुड़दंगबाजी’ का सहारा लेकर संसद को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा का आह्वान भी किया।
मोदी ने कहा कि ऐसे मुट्ठीभर लोग अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सके और देश के लोगों ने उनके कार्यों को देखा और उचित समय पर उन्हें दंडित भी किया। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन की शानदार जीत के कुछ दिनों बाद आई है।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा गठबंधन ने 235 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की वहीं विपक्षी महा विकास अघाडी महज 49 सीटों पर सिमट गई। इससे पहले, भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से लगातार तीसरी जीत दर्ज की थी और कांग्रेस को पराजित किया था।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई हैं - संसद और हमारे सांसद। संसद में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए... मुट्ठी भर लोग... हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।
उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार को बारीकी से देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करते रहे हैं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।’’ मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ बहुत आशा भरी नजर से देख रहा है, इसलिए संसद के समय का उपयोग वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़े हुए सम्मान को बल प्रदान करने में भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है और सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।
संसद का यह शीतकालीन सत्र 26 दिनों तक प्रस्तावित है और इस दौरान 19 बैठकें होंगी। हालांकि, संविधान दिवस समारोह के मद्देनजर 26 नवंबर को संसद की बैठक नहीं होगी। संविधान दिवस पर मुख्य कार्यक्रम संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया है। संसद के दोनों सदनों के सदस्य इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। संसद के इसी केंद्रीय कक्ष में 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया था।