parliament special session: संसद की कार्यवाही मंगलवार से नये भवन में शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य समाजवादी पार्टी के शफीकुर रहमान बर्क और सबसे कम उम्र की सदस्य बीजू जनता दल की चंद्राणी मुर्मू का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सदन का सामर्थ्य है कि 93 वर्ष की आयु में शफीकुर रहमान बर्क इस सदन में योगदान दे रहे हैं तो चंद्राणी मुर्मू 25 वर्ष की आयु में संसद की सदस्य बनीं। बीजद सदस्य मुर्मू 2019 में लोकसभा में निर्वाचित हुई थीं। मोदी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत नेता इंद्रजीत गुप्ता को भी याद किया जो 1960 से लेकर 2001 तक लगभग 36 साल लोकसभा के सदस्य रहे।
इस बीच वह बस 1977 से 1980 की संक्षिप्त अवधि के लिए सदस्य नहीं थे। सपा सांसद बर्क नौवीं बार लोकसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह सबसे पहली बार 1996 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा में पहुंचे थे। इससे पहले वह चार बार विधायक रहे थे। बर्क कई बार विवादों को लेकर भी खबरों में रहे हैं।
वह 2019 में उस समय विवाद में रहे थे जब उन्होंने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान ‘वंदे मातरम’ बोलने से इनकार कर दिया था। चंद्राणी मुर्मू 2019 में ओडिशा के क्योंझर से 25 वर्ष की आयु में सांसद चुनी गईं। 30 वर्षीय मुर्मू इस समय संसद की सबसे कम आयु की सदस्य हैं। उनके पिता हरिहरन सोरेन कांग्रेस के सांसद थे।
समय से पहले राष्ट्रगान की धुन बजने पर लोकसभा में हंगामा, अध्यक्ष ने कहा कि तकनीकी चूक हुई
लोकसभा में सोमवार को समय से पहले राष्ट्रगान की धुन बजने पर विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने विरोध जताया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष ने इसे तकनीकी चूक बताते हुए जांच कराने की बात कही। लोकसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते समय अध्यक्ष बिरला के आसन ग्रहण करने से पहले ध्वनि यंत्रों से राष्ट्रगान की धुन सुनाई देने लगी।
इस चूक पर ध्यान जाते ही राष्ट्रगान की धुन को बजाना बंद कर दिया गया। संसद के किसी भी सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ की धुन के साथ बैठक प्रारंभ होती है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली समेत कुछ सदस्यों को लोकसभा अध्यक्ष के सदन में पहुंचने से पहले राष्ट्रगान की धुन बजने पर विरोध जताते हुए देखा गया।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक तकनीकी चूक है और वह इसकी जांच कराएंगे। हंगामे के बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कहते सुने गये, ‘‘आप (अध्यक्ष) हमारे संरक्षक हैं। जब आपका अपमान होता है तो हमें अच्छा नहीं लगता।’’ बिरला ने कहा, ‘‘कोई अपमान नहीं हुआ। तकनीकी चूक है। इस विषय को संज्ञान में लिया गया है और मैं पूरी जांच कराऊंगा।’’