Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर को, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- पांच बैठकें होंगी, जानें शेयडूल
By सतीश कुमार सिंह | Published: August 31, 2023 03:07 PM2023-08-31T15:07:05+5:302023-08-31T17:37:32+5:30
Parliament Special Session: अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र’ 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है, जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः संसद का विशेष सत्र का आयोजन करने की घोषणा की गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर कहा कि संसद का एक विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर तक 5 बैठकों के साथ बुलाया जा रहा है।
"A special Session of Parliament (13th Session of 17th Lok Sabha and 261st Session of Rajya Sabha) is being called from 18th to 22nd September having 5 sittings," tweets Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/7nyRfZUAHF
— ANI (@ANI) August 31, 2023
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा, "अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है।"
Special Session of Parliament (13th Session of 17th Lok Sabha and 261st Session of Rajya Sabha) is being called from 18th to 22nd September having 5 sittings. Amid Amrit Kaal looking forward to have fruitful discussions and debate in Parliament. pic.twitter.com/b3PIRngpOs
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) August 31, 2023
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है ।’’ संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।
हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं।
सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके। आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं।
इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रविधान है। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृतकाल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।
कांग्रेस ने सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने और विपक्ष की बैठक के चलते समाचारों का प्रबंधन करने की कवायद के तहत विशेष सत्र की घोषणा की गई है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है?
वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिन्दुओं की भावना के खिलाफ है। इनकी तिथियों के चुनाव को लेकर आश्चर्यचकित हूं ।’’