पटनाः नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर देश के साथ ही बिहार की राजनीतिक गर्म हो गया है। राजद और जदयू ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की है। इसी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्ष को एकजुट करने का सपना भी साकार होता दिख रहा है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस समारोह का बहिष्कार करेगी। राष्ट्रपति संसद की सर्वोच्च होती है। इसलिए उन्हें उद्घाटन करना चाहिए पर पीएम मोदी जी खुद इसका उद्घाटन कर रहे हैं। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है।
इसको लेकर सभी विपक्षी दलों से हमारी बातचीत हुई है और हम लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं। हम लोग इस नए संसद भवन के उद्घाटन का बायकॉट करेंगे। वहीं जदयू के बिहार प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि नये संसद भवन का पीएम के द्वारा उद्घाटन किया जाना राष्ट्रपति का अपमान है।
इसलिए उनकी पार्टी बहिष्कार करेगी। उन्होंने इसे लेकर पैसे की बर्बादी का आरोप भी केंद्र सरकार पर लगाया। उन्होंने पूछा कि नया संसद भवन बनाने का औचित्य क्या है? पुरखों की विरासत को लेकर आपमें सम्मान का भाव नहीं है। इसबीच राजद और जदयू के रुख से भाजपा हमलावर है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार विधानसभा में जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम से शिलापट्ट लगा हुआ है। पहले उसे उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। उसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी को इस तरह की बात करनी चाहिए। संसद भवन का उद्घाटन अगर देश के पीएम नहीं करेंगे तो कौन करेगा?