Budget 2024 Live Updates: वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश कर दिया गया। बजट को लेकर भाजपा और कांग्रेस सहित विपक्ष में रार तेज है। संसद में गतिरोध जारी है और पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार किसको पैकेज दे रही है। निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बजट का मतलब तो सर्वव्यापी है न? बजट में शिक्षा पर चर्चा नहीं की, मनरेगा पर चर्चा नहीं की। रेलवे को बजट से बाहर कर दिया। सामान्य वर्ग का टैक्स बढ़ा दिया। बीमा में भी टैक्स बढ़ा दिया गया। नौकरी पर तो कोई बात ही नहीं हुई।
जिन 2 करोड़ नौकरियों पर बात हुई थी उनकी तो चर्चा नहीं हुई। भाजपा ने बिहार से कई वादे किए। बिहार में न तो विशेष राज्य और न ही विशेष पैकेज पर कोई बात हुई, क्या यह धोखा देना नहीं है? यह बिहार की जनता के साथ धोखा हुआ है। बजट में केवल नेताओं को खुश करने वाली बातें की गई हैं।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वे(निर्मला सीतारमण) देश को गुमराह कर रही हैं... उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र को क्या दिया है। अपने पूरे 1 घंटे 40 मिनट के बजट भाषण में उन्होंने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र सहित कुछ प्रमुख राज्यों का नाम तक नहीं लिया।
‘कुर्सी को बचाओ और मित्रों पर लुटाओ’ है सरकार का नारा: कांग्रेस
कांग्रेस ने केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ और जुमला बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस बजट में सिर्फ दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश पर मेहबरानी की गई है, लेकिन देश के अन्य राज्यों, किसानों और गरीबों की अनदेखी की गई है। वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पर लोकसभा में सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने यह दावा भी किया कि ‘कुर्सी को बचाओ और मित्रों पर लुटाओ’ इस सरकार का आखिरी नारा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को ‘अग्निपथ’ योजना को खत्म करना चाहिए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार को बेरोजगारी नजर नहीं आ रही है तो आगामी विधानसभा चुनावों में उसे नजर आने लगेगी। हरियाणा के सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने हमारा घोषणापत्र पढ़ा है। वित्त मंत्री ने हमारा घोषाणापत्र लागू किया, हम धन्यवाद करते हैं।’’
कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए यह भी कहा, ‘‘इसे कुर्सी बचाओ बजट बोलें या जुमला बजट बोलें।’’ उन्होंने जनगणना में देरी का मुद्दा भी उठाया और सवाल किया, ‘‘सरकार जनगणना पर चुप्पी साधे हुए है, इस पर नीतीश कुमार जी (बिहार के मुख्यमंत्री) क्या कहना चाहेंगे?
सैलजा ने बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष वित्तीय सहायता के प्रावधान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘क्या सिर्फ दो राज्यों पर मेहरबानी हुई? इसमें दो राज्यों के अलावा कुछ नहीं दिखा।’’ उनका कहना था कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो सहकारी संघवाद की बात करते थे, लेकिन अब लगता है कि यह शब्द भाजपा और इस सरकार की शब्दावली से निकल चुका है।
उन्होंने दावा किया कि इस लोकसभा चुनाव में लोगों को प्रधानमंत्री की गारंटी पर विश्वास नहीं हुआ, यही कारण है कि भाजपा 303 सीट से 240 पर पहुंच गई। सैलजा ने दावा किया कि बजट में भाजपा शासित राज्यों लिए केंद्रीय सहायता की बात हुई, लेकिन हिमाचल प्रदेश की बात आई तो केंद्रीय एजेंसियों से मदद का उल्लेख किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और संभवत: जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकार ने पहले ही हार मान ली है। बजट में इन राज्यों का जिक्र तक नहीं हुआ।’’ सैलजा ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार में हरियाणा से तीन-तीन मंत्री हैं। दुर्भाग्य है कि मेरे राज्य को कुछ नहीं दे पाए, यहां तक कि नाम भी लेना उचित नहीं समझा।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि अपनी सहूलियत के हिसाब से सरकार स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट का नाम नहीं लेती है। उनका कहना था, ‘‘वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत सारी फसलों पर एमएसपी दिया गया है। लेकिन आपने स्वामीनाथ आयोग की सिफारिश वाला फार्मूला नहीं अपनाया है।’’ सैलजा ने आरोप लगाया कि देश में कृषि संकट है, लेकिन उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
उनका कहना था कि किसान आंदोलन करते हैं तो उन्हें ऐसे रोका जाता है, मानो वे किसी दुश्मन देश की सीमा पर बैठे हैं। सिरसा की सांसद ने कहा, ‘‘कांग्रेस की सरकार में किसानों का 72 हजार करोड़ रुपये माफ किया गया था, लेकिन आपने (भाजपा) अपने पूंजीपति मित्रों का 16 लाख करोड़ रुपये माफ किया।’’ उन्होंने दावा किया कि इस सरकार में ‘मित्रों पर मेहरबानी और किसान मजदूर से बेईमानी’ हो रही है।
सैलजा ने सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘किसानों को आप उग्रवादी मत कहिए, लेकिन आप उन्हें उग्र होने पर मजबूर मत करिए।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि किसान आंदोलन के दौरान 736 किसान ‘‘शहीद’’ हो गए, लेकिन उनके बारे में एक शब्द नहीं बोला गया। उनका कहना था कि आज भी दिल्ली से कुछ दूर शंभू बॉर्डर पर किसान बैठे हैं, लेकिन सरकार उस किसान की तरफ देखना भी नहीं चाहती। सैलजा ने कहा, ‘‘किसानों को जब तक आप एमसएपी की कानूनी गारंटी नहीं देते हैं, आप किसानों को न्याय नहीं दे सकते।’’
उन्होंने कहा कि अगर किसान और मजदूर इस तरह से मजबूर रहेंगे तो देश विकसित नहीं हो सकता। सैलजा के अनुसार, बजट भाषण में मनरेगा का एक भी बार नाम नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जो कोविड में ग्रामीण भारत में सबसे बड़े रक्षक के रूप में उभरा है, आप उस मनरेगा को भूल गए।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि न्यूनतम मजदूरी 400 रुपये प्रतिदिन होना चाहिए।
सैलजा का कहना था, ‘‘हम जिस दिन सरकार में आएंगे, उस दिन यह करेंगे।’’ उन्होंने भाजपा की वरिष्ठ नेता रहीं दिवंगत सुषमा स्वराज के एक पुराने कथन का हवाला देते हुए कहा कि आंकड़ों से पेट नहीं भरता, गरीब को रोजगार चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि पांच किलोग्राम अनाज देने से गरीबी दूर नहीं होगी, बल्कि रोजगार देना होगा और महंगाई पर नियंत्रण करना होगा।
सैलजा ने आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में 10 लाख रिक्तियों और हरियाणा में दो लाख रिक्तियां हैं तो इन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ‘स्किल इंडिया’ का क्या हुआ? उन्होंने कहा, ‘‘अगर (सरकार को) देश में बेरोजगारी नजर नहीं आ रही है तो आगामी चुनावों में नजर आ जाएगी।’’
उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार सेना, युवाओं और जवानों के साथ नाइंसाफी कर रही है। सैलजा ने कहा कि यह योजना युवा विरोधी और सेना विरोधी है, इसे तत्काल खत्म किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ‘स्वच्छ भारत’ को भूल गई। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार कुछ सीख ले और अग्निपथ योजना को खत्म करे। किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।’’
आज भी है मोदी की गारंटी, बजट में सभी का ध्यान रखा गया : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केंद्रीय बजट में कई राज्यों के साथ ‘‘भेदभाव’ से जुड़े विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि इसमें सभी प्रदेशों और वर्गों का ध्यान रखा गया है तथा जनता के लिए आज भी ‘मोदी की गारंटी’ कायम है। वर्ष 2024-25 के लिए बजट पर लोकसभा में सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद विप्लव कुमार देव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में पारदर्शी आर्थिक व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने विपक्ष विशेषकार कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार 1947 तक रहेगी और ‘400 पार’ भी जाएगा।
त्रिपुरा पश्चिम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि इस बार एक ऐसा बजट पेश किया गया है, जिसमें राज्यों को कुल 4.82 लाख करोड़ रुपये ज्यादा मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि बिहार और आंध्र प्रदेश कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण नहीं हो, ‘‘हमारे लिए ये दोनों और सभी राज्य महत्वपूर्ण हैं।’’ देव के अनुसार, 2013-14 में बजट का आकार 16 लाख करोड़ रुपये का था और आज वह 48 लाख करोड़ रुपये पहुंचा गया है। देव ने कहा कि बजट के अनुसार देश में एक लाख करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा बजट आया है जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, इसमें ‘‘मोदी की गारंटी’’ है। विपक्षी सदस्यों की टोका-टोकी के बीच देव ने कहा, ‘‘यह गारंटी अभी भी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि देश में नौकरियों की कमी है या आज पारदर्शिता और कौशल की कमी है...अब छोटे शहरों के शिक्षण संस्थानों में कैम्पस प्लेसमेंट होगा।’’
उनका कहना था कि किसानों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और इसमें उर्वरक पर सब्सिडी अतिरिक्त है। देव ने कहा कि मोदी सरकार में अब तक 14 लाख करोड़ रुपये एमएसपी में दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज दुग्ध उत्पादन में नंबर एक है। अगर काम नहीं हुआ तो यह कैसे होता। कांग्रेस की सरकार के समय तो ऐसा नहीं था।’’
देव ने केंद्र सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन के हर पड़ाव पर लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जन्म के समय मोदी जी हैं, खाना पकाते समय भी मोदी जी हैं, हवाई पर चलते समय भी मोदी जी हैं।’’ उनका कहना था कि आज प्रधानमंत्री मोदी की वजह से 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकलकर मध्यम वर्ग में पहुंच गए हैं।
उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते और सोनिया गांधी के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रमुख रहते महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला आरक्षण विधेयक पारित हुआ।
(इनपुट एजेंसी)