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माता-पिता को इस उपलब्धि की अहमियत का अंदाजा नहीं : 12वीं में 100 फीसदी अंक पाने वाली अनसुईया ने कहा

By भाषा | Updated: August 1, 2021 17:28 IST

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(किशोर द्विवेदी)

महोबा, एक अगस्त उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र के एक दूरदराज के गांव में रति बाई और उनके पति लक्ष्मी प्रसाद खुश हैं कि उनकी छोटी बेटी ने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है लेकिन उसकी शानदार उपलब्धि के बारे में उन्हें बहुत कम पता है या यूं कहे कि उसकी अहमियत का अंदाजा नहीं है।

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में बदेरा गांव की रहने वाली अनसुईया ने सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में 600 में से 599 अंक हासिल किए है और पांच विषयों में उसका अंक प्रतिशत 100 है।

मानविकी (ह्यूमैनिटीज) विषय की 18 वर्षीय छात्रा को राजनीति विज्ञान में 99 अंक और अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, चित्रकला तथा हिंदी (अतिरिक्त चयनित विषय) में 100 अंक मिले हैं। अनसुईया 12वीं कक्षा पास करने वाली अपने परिवार की पहली सदस्य है, उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरे माता-पिता खुश हैं लेकिन उन्हें यह अहसास नहीं है कि मेरी उपलब्धि कितनी कीमती है। शहरों में माता-पिता को इसकी कीमत पता होती है।’’

उसने थोड़ी उदासी भरी आवाज में कहा, ‘‘गांव में और आसपास के इलाकों में कुछ लोगों ने भी परीक्षा के मेरे नतीजे के बारे में सुना। वे सभी खुश हैं लेकिन अभी तक मेरे नतीजे की अहमियत को नहीं समझा है लेकिन जो भी है ऐसा ही है।’’

उसने कहा कि उसके पिता किसान और मजदूर हैं जबकि मां गृहिणी हैं। उसके तीन बड़े भाई, एक छोटा भाई और दो बड़ी बहनें हैं। अनसुईया ने कहा, ‘‘बड़े भाइयों ने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की और परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए पढ़ाई छोड़ दी और मजदूरी करने लगे। मेरी बहनें स्कूल नहीं गई। केवल छोटा भाई पढ़ रहा है।’’

अनसुईया ने बताया कि पढ़ाई के अलावा वह स्कूल की बास्केटबॉल टीम और एक म्यूजिक बैंड का भी हिस्सा है तथा उसे चित्रकारी करना भी पसंद है। उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले में एक आवासीय बोर्डिंग स्कूल विद्या ज्ञान से पढ़ाई की है। उसने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।

अपने परीक्षा परिणाम से खुश अनसुईया ने कहा कि अब उसका इरादा दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने और प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की परीक्षा देने का है।

उसने कहा, ‘‘मुझे स्कूल के दौरान यह पता लगा कि कैसे एक आईएएस अधिकारी मेरे गांव जैसे स्थानों के विकास के लिए काम कर सकता है जो दूरदराज स्थित है। इस तरीके से कोई भी व्यक्ति समाज को बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर सकता है। मैं आईएएस बनने के वास्ते संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के लिए तैयारी करूंगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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