उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में हिंसक भीड़ द्वारा दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की कथित रूप से पीट पीट कर हत्या के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो और एनआईए से कराने के लिये दायर याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया। पहली याचिका ‘पंच दशबन जूना अखाड़ा’ के साधुओं और मृतक साधुओं के परिजनों ने दायर की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पालघर जिले में 18 अप्रैल को हुई इस घटना की जांच राज्य पुलिस दुर्भावनापूर्ण तरीके से कर रही है। दूसरी याचिका इस घटना की राष्ट्रीय जांच एजेन्सी से जांच कराने के लिये घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है। भीड़ द्वारा कथित रूप से दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट पीट कर हत्या के मामले में पालघर जिले के कासा थानांतर्गत 18 अप्रैल को प्राथिमकी दर्ज की गयी थी।
बता दें कि पालघर की घटना इसी साल 16 अप्रैल की रात को हुई जब तीन लोग- दो संत और उनके चालक, एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुंबई से एक कार से गुजरात के सूरत की ओर जा रहे थे। उनकी गाड़ी को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक दिया गया जहां बच्चा चोर होने के शक में तीनों को कार से खींचकर बाहर निकाला गया और भीड़ ने तीनों की डंडे से पीट-पीटकर हत्या कर दी।