Ceasefire Violation: सीजफायर उल्लंघन क्या है? यहां जानें क्या है भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर Agreement
By स्वाति सिंह | Updated: November 18, 2019 12:31 IST2019-11-18T12:31:18+5:302019-11-18T12:31:18+5:30
आजादी के बाद 1947 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध हुआ था जिसे कश्मीर वॉर भी कहते हैं तब यूएन को दोनों देशों के बीच में आना पड़ा था। जिसके चलते 1949 में भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से जम्मू-कश्मीर पर एक सीजफायर लाइन स्थापित करने का फैसला लिया

सीजफायर को दो देशों के बीच हुई एक official treaty या औपचारिक संधि मान सकते हैं।
आए दिन हम ये खबर सुनते हैं कि पाकिस्तान ने बॉर्डर पर सीजफायरसीजफायर उल्लंघन किया है और कई बार पाकिस्तान भी भारत पर यही आरोप लगाता है। यहां जानते है क्या होता है सीजफायर का उल्लंघन।
सीजफायर को युद्धविराम भी कहते हैं। ये किसी भी वॉर को अस्थाई या स्थाई तौर पर रोकने का एक जरिया होता है। इसके तहत समझौते में दो पक्ष बॉर्डर पर किसी भी तरह की आक्रामक कार्रवाई ना करने का वादा करते हैं।
सीजफायर को दो देशों के बीच हुई एक official treaty या औपचारिक संधि मान सकते हैं। हालांकि, सीजफायर के लिए official treaty जरूरी नहीं है। कभी-कभी आपसी सहमति से भी यह फैसला लिया जा सकता है। इन एग्रीमेंट के बावजूद जब कोई एक पक्ष बॉर्डर पर आक्रमक कार्यवाई करते हैं तो उसे सीजफायर का उल्लंघन कहा जाता है।
आजादी के बाद 1947 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध हुआ था जिसे कश्मीर वॉर भी कहते हैं तब यूएन को दोनों देशों के बीच में आना पड़ा था। जिसके चलते 1949 में भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से जम्मू-कश्मीर पर एक सीजफायर लाइन स्थापित करने का फैसला लिया और फिर यूनाइटेड नेशन ऑफ़ कमिशन ने एक लेटर जारी किया जिसमें लिखा था कि ये सीजफायर भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी निलंबित करने का सिंबल है।
तब दोनों देशों के बीच मिलिट्री चीफ बैठक के बाद इसपर सहमती जाताई थी। हालांकि, सीजफायर लाइन एग्रीमेंट को ऑफिसियली साइन नहीं किया गया था। जिसका असर समय-समय पर दिखता रहा। इसका सबसे बड़ा असर सन 1971 में देखने को मिला जब दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ। जिसके बाद सन 1972 में भारत-पाकिस्तान के बीच एक सिंगल एग्रीमेंट साइन किया गया।
LoC पर बैरियर्स
एग्रीमेंट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने इस बात को माना था कि दोनों देशों की सरकारें एक-दूसरे के खिलाफ किए जाने वाले दुष्प्रचार को रोकने के लिए अपनी ओर से हरसंभव कदम उठाएंगी। भारत और पाकिस्तान दोनों एक-दूसरे के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सेना हटाएंगे। हालांकि, इसका कुछ खास असर नहीं पड़ा और सीजफायर का उल्लंघन लगातार चलता रहा। जिसको देखते हुए सन 1990 भारत ने एलओसी पर बैरियर्स लगाने का काम शुरू किया। इस दौरान कई रुकावटें आईं। लेकिन लगातर हो रहे सीजफायर उल्लंघन का नतीजा ये हुआ कि सन 1999 में एक बार फिर दोनों देश वॉर के लिए आमने सामने खड़े हुए। इस वॉर के बाद साल 2004 तक बैरियर्स के काम को पूरा हुआ। उसी साल में कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र में एलओसी की फेंसिग का काम भी पूरा हुआ। इंडियन आर्मी की मानें तो एलओसी पर फेंसिंग से आतंकियों की घुसपैठ में कई गुना कमी आई थी। पाकिस्तान एलओसी पर बैरियर्स लगाए जाने को लेकर नाराज हो गया था उनका कहना था कि भारत ऐसा करके द्विपक्षीय संबंधों को बिगाड़ने का काम कर रहा है।
क्या है 2003 सीजफायर समझौता
नवंबर 2003 वो मंगलवार का दिन था जब भारत के विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच ऑफिसियल सीजफायर ऐलान किया। अटल बिहारी बाजपेयी की पहल के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 25 नवंबर 2003 की आधी रात से सीजफायर लागू हुआ था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया कि सीजफायर पर चली एक हफ्ते मीटिंग के बाद अंतिम रूप दिया गया है। इस मीटिंग में भारत और पाकिस्तान के सीनियर मिलिट्री ऑफिसर्स मौजूद थे। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया 450 मील लंबी एलओसी, इंटरनेशनल बॉर्डर और सियाचिन ग्लेशियर पर भी सीजफायर एग्रीमेंट लागू होगा। इस एग्रीमेंट से दो दिन पहले पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री मीर जफरुल्ला खान जमाली ने ईद के मौके पर सीजफायर की पेशकश की थी। एग्रीमेंट के बाद यहां ईद की मिठाईयां भी बांटी गई थी। दोनों देशों के बीच लागू हुए सीजफायर का मकसद एलओसी पर 90 के दशक से जारी गोलीबारी को बंद करना था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी थे और पाकिस्तान में परवेज मुशर्ऱफ का आर्मी शासन था।
इस समझौते को लेकर तब इंग्लिश मैगज़ीन लॉस एंजिल्स टाइम्स ने लिखा था कि अमेरिका और यूरोप के दबाव में आकर भारत और पाकिस्तान दोनों सीजफायर को रोकने के लिए राजी हुए हैं।
2019 में पाकिस्तान ने 2317 बार किया सीजफायर का उल्लंघन
भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो साल 2018 में 1629 सीजफायर उल्लंघन के मामले सामने आए थे और इस दौरान 254 आतंकवादियों को मार गिराया गया था। इसमें एक विदेशी आतंकी कमांडर भी शामिल था। वहीं, 2019 की बात करें, तो 10 अक्टूबर तक पाकिस्तान ने 2317 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। वहीं, अलग-अलग ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने भारतीय बॉर्डर और सीमा के भीतर 147आतंकियों को मार गिराया है।