लखनऊः पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश के करीब 1800 पाकिस्तानी नागरिकों को उत्तर प्रदेश के वापस पाकिस्तान जाना होगा. यह पाकिस्तानी नागरिक वैध वीजा पर यूपी में रह रहे अपने रिश्तेदारों के पास आए थे. सूबे के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार के अनुसार, प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने को लेकर केंद्र सरकार का आदेश मिलते ही इन्हे पाकिस्तान भेजने की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को कहा गया है कि वह जिले में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की सूची तैयार कर उन्हे पाकिस्तान भेजने की तैयारी करें. सूबे के ग्रेटर नोएडा में शरणार्थी के रूप में रह रही सीमा हैदर को भी वापस पाकिस्तान जाना होगा.
उन्हें पाकिस्तान भेजने के लिए नोएडा पुलिस कागजी कार्रवाई करने में जुटी है. प्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल को वापस पाकिस्तान भेजने की तैयारी पुलिस कर रही हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि यूपी में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक अगर प्रदेश में छिपाने का प्रयास करेंगे तो उन्हे गिरफ्तार किया जाएगा और ऐसे लोगों की मदद करने वालों के खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी.
पाकिस्तानी नागरिक को छिपाना पड़ेगा भारी
सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक, यूपी के हजारों मुस्लिम परिवारों की पाकिस्तानी नागरिकों के साथ रिश्तेदारी है. लखनऊ, अयोध्या, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, बदायूं, अलीगढ़, अमरोहा सहित प्रदेश के 34 जिलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती हैं.
इन जिलों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से मिलने और परिवार में होने वाली शादी तथा अन्य पारिवारिक कार्यों में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी नागरिक वैध वीजा पर यूपी में आते रहते हैं. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशरफ के एक रिश्तेदार लखनऊ में भी रहते हैं इनके यहां भी हर साल पाकिस्तान से लोग लखनऊ शहर घूमने के लिए आते हैं.
पुलिस अफसरों का कहना है कि कई बार यह लोग वीजा अवधि खत्म होने पर भी राज्य में कुछ दिन रुक जाते हैं. प्रदेश पुलिस ने ऐसे कई पाकिस्तानियों को वीजा अवधि खत्म होने के बाद होटल और दुकानों पर काम करते हुए पकड़ा है. यह लोग नाम बदल कर काम कर रहे थे.
यही नहीं बीते बरेली में कुछ दिनों पहले एक मां-बेटी को पाकिस्तानी नागरिक होने की वजह से सरकारी शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त करने के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इस मामले को लेकर बरेली के एसपी कहते हैं कि वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद वापस नहीं जाने पर पुलिस ने मां-बेटी के खिलाफ यह कार्रवाई की थी.
फिलहाल अब पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में आए उन हिंदुओं को जिन्होने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया है को छोड़कर राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की तैयारी ही जा रही है. इसके साथ ही लोगों को बताया जा रहा है कि वह पाकिस्तानी नागरिक को छिपाने का प्रयास ना करे. ऐसा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी.
इस तरह जुटाया जा रहा ब्यौरा
डीजेपी प्रशांत कुमार के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में वैध वीजा पर पाकिस्तानी रह रहे हैं. इनमें तमाम पाकिस्तानी नागरिक शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म वीजा पर आए हैं. इन सभी का पूरा ब्यौरा केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और गृह विभाग पास है. प्रदेश के खिलाफ विभाग के पास भी इनके बारे में काफी सूचनाएं हैं.
डीजीपी के अनुसार, राज्य में आए हर पाकिस्तानी नागरिक को जिले के एसपी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है और इसकी जानकारी उस मोहल्ले के थानाध्यक्ष को भी देनी होती है. इसके आधार पर ही आईबी के अधीन आने वाला फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) तथा प्रदेश खुफिया अफसरों की मदद से पाकिस्तानी नागरिक की गतिविधियों पर नज़र रखने की व्यवस्था करता है.
इस नेटवर्क के आधार पर अब यूपी में रह रहे करीब 1800 पाकिस्तानी नागरिकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है. ताकि उन्हे 27 अप्रैल को पाकिस्तानी वापस भेजा जा सके. बीते जिससे 24 घंटे के दौरान लखनऊ में 55, बाराबंकी में 28, बरेली में 35, बुलंदशहर में 18, वाराणसी में 10 और रामपुर में 30 पाकिस्तानी बदायूं में 38, मुरादाबाद में 28 पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क कर वापस पाकिस्तान जाने को कहा गया है.
डीजीपी का कहना है कि राज्य में रह रहे तमाम पाकिस्तानी नागरिकों ने पुलिस अधीक्षकों को फोन कर यह बताया है कि वह खुद भी वापस जाने की तैयारी कर रहे है और 27 अप्रैल तक वापस अपने देश लौट जाएंगे. डीजीपी के अनुसार जो पाकिस्तानी नागरिक मेडिकल वीजा पर यूपी में आए हैं उन्हे 29 अप्रैल तक वापस जाना होगा.
सीमा हैदर को भी वापस जाना होगा
पाकिस्तान की रहने वाली सीमा हैदर जिसमे ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में रहने वाले सचिन मीणा से शादी की है, उसे भी वापस जाना होगा. सीमा हैदर अपने पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर को छोड़ कर अपने चार बच्चों को साथ लेकर नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत आयी थी. यहां उसने वकील एपी सिंह के सहयोग से सचिन मीणा के साथ शादी रचा ली और हाल ही में उसने सचिन मीणा से एक बच्चा भी पैदा किया है.
फिलहाल वह देश में शरणार्थी के रूप में रह रही है और इस संबंध में उसकी अर्जी राष्ट्रपति के पास लंबित है. अभी उसे उत्तर प्रदेश की कोर्ट से जमानत मिली है. पुलिस अधिकारियों का कहना है उसे भी वापस जाना होगा. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को सूचित कर जल्दी ही एक्शन लिया जाएगा.