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Pahalgam Attack: भारत का बड़ा एक्शन, पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को भेजा पर्सोना नॉन ग्राटा नोट; साद अहमद वराइच को किया तलब

By अंजली चौहान | Updated: April 24, 2025 07:43 IST

Pahalgam Attack: यह निर्णय कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।

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Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत एक्शन मोड में है। भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए फौरन पाकिस्तान के राजनयिकों को तलब किया है। दिल्ली में पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक साद अहमद वराइच को तलब किया और अपने सैन्य राजनयिकों के लिए औपचारिक पर्सोना नॉन ग्रेटा नोट सौंपा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की, जो दो घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर घोषित उपायों के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया, जिसमें पाँच प्रमुख निर्णय शामिल हैं। मिस्री ने कहा, "नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाते हैं। सेवा सलाहकारों के पाँच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।"

मालूम हो कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में करीब 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। ये सभी पर्यटक थे और देश के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीर घूमने के लिए गए थे। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़े फैसले लिए है। 

गौरतलब है कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने उल्लेख किया कि अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। मिस्री ने कहा, "जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर गए हैं, वे 1 मई, 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।" CCS द्वारा तय किए गए अन्य उपायों में सिंधु जल संधि को "तत्काल प्रभाव से स्थगित करना शामिल है, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता"।

मिस्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मिस्री ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाता है। एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।"

विदेश सचिव ने कहा कि 1 मई, 2025 तक और कटौती की जाएगी, जिससे उच्चायोगों की कुल संख्या मौजूदा 55 से घटकर 30 रह जाएगी। मिस्री ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, "इसमें यह संकल्प लिया गया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।"

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