मानव-हाथी द्वंद रोकने गांव के बाहर हाथियों को दिया जाएगा धान

By भाषा | Updated: August 4, 2021 00:18 IST2021-08-04T00:18:10+5:302021-08-04T00:18:10+5:30

Paddy will be given to elephants outside the village to prevent human-elephant conflict | मानव-हाथी द्वंद रोकने गांव के बाहर हाथियों को दिया जाएगा धान

मानव-हाथी द्वंद रोकने गांव के बाहर हाथियों को दिया जाएगा धान

रायपुर, तीन अगस्त छत्तीसगढ़ में वन विभाग हाथियों और मानव के बीच द्वंद को टालने के लिए गांवों के बाहर धान रखने की तैयारी में है।

हालांकि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि राज्य में हाथियों को धान खिलाने के नाम पर भ्रष्टाचार की कोशिश शुरू हो गई है।

राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पीवी नरसिंह राव ने मंगलवार को ‘भाषा’ को बताया कि राज्य के हाथी प्रभावित जिलों में मानव और हाथियों के बीच द्वंद को टालने के लिए वन विभाग ने गांव के बाहर ही हाथियों के लिए धान रखने पर विचार किया है।

​राव ने बताया कि हाथी प्रभावित जिलों में देखा गया है कि हाथी धान खाने के लिए गांव में प्रवेश करते हैं तथा खेतों, घरों और लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं, ऐसे हाथियों के हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई है।

उन्होंने बताया ​कि वन विभाग ने एक प्रयोग के तौर पर कुछ गांव के बाहर हाथियों के लिए धान रखने तथा उनके व्यवहार का अध्ययन करने का फैसला किया है।

राव ने कहा कि इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ गांवों में शुरू किया जाएगा तथा हाथियों की प्रतिक्रिया को देखा जाएगा। उनके अनुसार यदि यह प्रयोग सफल रहा तब अन्य हाथी प्रभावित क्षेत्रों में इसे अपनाया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि इस प्रयोग के लिए वन विभाग को धान की जरूरत है और विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) से विचार विमर्श किया है। उनके अनुसार मार्कफेड से धान की आपूर्ति होने के बाद जल्द ही इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा। राज्य में मार्कफेड के सूत्रों ने बताया कि मार्कफेड ने वन विभाग को 2095.83 रुपए प्रति क्विंटल :कॉमन धान: की दर से धान देने पर सहमति दी है।

इस बीच, राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले का विरोध किया है। विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि इस योजना से स्पष्ट होता है कि राज्य की सरकार धान खरीदी के बाद हुए भ्रष्टाचार से बचने के लिए अब भ्रष्टाचार की नई बिसात बिछा रही है।

कौशिक ने कहा है कि हाथियों के नाम पर मार्कफेड से धान को अधिक कीमत पर खरीदा जाएगा जबकि खुले बाजार में करीब 1400 रुपए की दर से इसकी खरीदी हो सकती है। राज्य सरकार की योजना संदिग्ध है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद तथा अन्य जिलों में हाथियों का उत्पात जारी है।

विधानसभा के बीते मानसून सत्र में राज्य सरकार ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों में हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई है तथा इस दौरान 45 हाथियों की मृत्यु हुई है।

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Web Title: Paddy will be given to elephants outside the village to prevent human-elephant conflict

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