कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के फैसले पर पहली बार सार्वजानिक तौर माफी मांगी है। राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को एक जनसभा संबोधित करते हुए कहा कि लिंगायत-वीरशैव के बीच विभाजन करना बड़ी गलती थी।
उन्होंने कहा 'सरकार में रहते हुए हमसे एक बड़ी गलती हुई। राजनीतिक दलों को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। कई मंत्रियों नेताओं ने इन मामलों में हस्तक्षेप किया और चुनावी नतीजें उनके फैसले के सबूत हैं।
राज्य मंत्री शिवकुमार ने आगे कहा कि हमारी सरकार से यह गलती हुई तो इसके लिए मैं माफी मांगता हूं और आप हमें माफ कर दीजिए।धर्म को लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए और अगर इसपर राजनीति हुई है तो आप मानवता का सम्मान नहीं कर सकते।'
उन्होंने कहा 'राज्य में उस समय बहुत सारे राजनीतिक विकास हो रहे थे, लेकिन धर्म के मामलों में किसी भी सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य में कांग्रेस सरकार ने लिंगायत को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का फैसला किया था। जिसके बाद लिंगायत समुदाय और दलित समुदाय ने इसका खूब विरोध किया था।