1900 पिछड़ी जातियों को OBC कोटे के अंदर अलग से 8-10% आरक्षण देने की तैयारी, आयोग जल्द सौंप सकता है रिपोर्ट
By पल्लवी कुमारी | Published: May 9, 2019 11:39 AM2019-05-09T11:39:59+5:302019-05-09T11:39:59+5:30
आयोग की अध्यक्षता रिटायर्ड जज जी रोहिणी कर रही हैं। आयोग को 31 मई 2019 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। जस्टिस जी रोहिणी दिल्ली हाइकोर्ट की पूर्व चीफ रही हैं।
कमीशन ऑफ एग्जामिन सब कैटेगोराइजेशन ऑफ ओबीसी जल्द ही अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) की 1900 जातियों के लिए ओबीसी आरक्षण के तहत 8 से 10 प्रतिशत अलग से रिजर्वेशन की मांग कर सकता है। आयोग इसकी रिपोर्ट 31 मई 2019 के पहले सरकार को सौंपने वाला है। केन्द्र सरकार के आकड़ों के मुताबिक 2633 ओबीसी जातियों में से 1900 जातियां ऐसी हैं, जिनको 27 प्रतिशत आरक्षण होने के बाद भी इसका फायदा नहीं मिल पाता है।
केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 1900 जातियों में से आरक्षण वाली नौकरियों में हिस्सेदारी 3 प्रतिशत भी नहीं है। बाकी के लोगों को पिछले पांच सालों में इसका कोई फायदा भी नहीं मिला है। केन्द्र सरकार ने इसके लिए 2 अक्टूबर 2017 को रिटायर्ड जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में एक कमीशन गठित की थी। हालांकि इस कमीशन को कई बार एक्सटेंड भी किया जा चुका है। रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता वाली कमीशन का कार्यकाल 31 मई 2019 को खत्म हो रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस कमीशन ने अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है और वो जल्द ही अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए अलग से आरक्षण की मांग करने वाले हैं। आयोग की अध्यक्षता कर रहीं रिटायर्ड जज जी रोहिणी को ये रिपोर्ट 31 मई 2019 तक सौंपनी है। जस्टिस जी रोहिणी दिल्ली हाइकोर्ट की पूर्व चीफ रही हैं। अक्टूबर 2017 में रिटायर्ड जज जी रोहिणी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। रिटायर्ड जज जी रोहिणी को आयोग के अध्यक्ष के तौर पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया गया था।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इस मांग के आलवा आयोग एक महत्वपूर्ण सिफारिश भी करना चाहती है। जिसमें वो बताएगी कि ये आरक्षण का बंटवारा सामाजिक लाभ पर आधारित है न कि समाज के पिछड़ेवर्ग पर। रिपोर्ट में आयोग के अधिकारी के मुताबिक बताया गया है कि ओबीसी के इन 1900 जातियों में से ज्यादात्तर लोग रिजर्वेशन का फायदा इसलिए नहीं उठा पाते हैं क्योंकि वो संख्या में बहुत कम हैं। उनको नौकरी और पढ़ाई से वंचित रखा जाता है।
कमीशन ने यह भी बताया है कि इन 27 प्रतिशत कोटा वालों में से एक सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत समूहों के लिए आरक्षित किया जाएगा। कमीशन का सुझाव है कि इसको दूर करने के लिए ओबीसी कोटे में 8 से 10 प्रतिशत अतिरिक्त कोटा को बढ़ाया जाना चाहिए। इससे 2 से 3 प्रतिशत वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और नाही कोई दूसरी जातियों के लोगों इससे प्रभावित होंगे।