India-Pakistan Conflict: भारतीय सशस्त्र बल के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान स्थित बड़े-बडे़ आतंकियों का सफाया हो गया है। भारतीय सेना ने हवाई हमले करके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक हमलों के परिणामस्वरूप लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों का सफाया हो गया, जिसमें मौलाना यूसुफ अजहर भी शामिल है, जो आईसी-814 अपहरण के लिए वांछित था।
एएनआई के अनुसार, लक्ष्यों में कट्टरपंथी विचारधारा, हथियार प्रशिक्षण और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में शामिल प्रमुख व्यक्ति भी शामिल थे। रिपोर्ट से मिली जानकारी से यह भी पता चला कि कुछ लक्ष्यों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना, पुलिस और सरकार के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए थे, जो देश में आतंकवादी ठिकानों को बढ़ावा न देने के पाकिस्तान के झूठे दावों को दर्शाता है।
लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े मुदस्सर खादियन खास और खालिद उर्फ अबू अकाशा 7 मई के हमलों में मारे गए दो आतंकवादी थे। ख़ास मुरीदके में मरकज़ तैयबा का प्रभारी था और उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना की ओर से उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख और पंजाब की सीएम मरियम नवाज की ओर से ख़ास के लिए पुष्पांजलि भी अर्पित की गई और उसके जनाज़े की नमाज़ एक सरकारी स्कूल में आयोजित की गई, जिसका नेतृत्व जमात-उल-दावा (JuD) के घोषित वैश्विक आतंकवादी हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया।
पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक भी उसके जनाज़े में शामिल हुए। दूसरी ओर, खालिद जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में लिप्त था।
पाकिस्तान के फैसलाबाद में आयोजित उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर ने भाग लिया। इस बीच, जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हाफिज मुहम्मद जमील, मसूद अजहर के बहनोई मोहम्मद यूसुफ अजहर और मोहम्मद हसन खान भी सटीक हमले के दौरान मारे गए। मौलाना मसूद अजहर का साला मोहम्मद यूसुफ अजहर आईसी-814 अपहरण मामले में वांछित था।
गौरतलब है कि वह जैश-ए-मोहम्मद के लिए हथियार प्रशिक्षण भी संभालता था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था। मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला हाफिज मुहम्मद जमील एक और लक्ष्य था जो पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था।
वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था। मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा मोहम्मद हसन खान (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल कमांडर था, जिसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पीओके में पांच और पाकिस्तान में चार आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया।