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One Nation One Election: 39 सदस्य, समिति में लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल होंगे?, भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब हो सकते हैं जेपीसी अध्यक्ष

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 20, 2024 12:52 IST

One Nation One Election: महताब ओडिशा से सात बार के लोकसभा सदस्य हैं और वर्तमान में वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति का नेतृत्व कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देविधेयक का अध्ययन करने वाली संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के लिए प्रस्तावित हैं।अनुराग ठाकुर और पी पी चौधरी समेत भाजपा के 10 सांसद शामिल हैं। संयुक्त समिति में सदस्यों की संख्या 31 से 39 करने का प्रस्ताव दिया था।

One Nation One Election: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भर्तृहरि महताब को एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले दो विधेयकों का परीक्षण करने संबंधी संसद की संयुक्त समिति का अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भाजपा को इस महत्वपूर्ण समिति का अध्यक्ष पद मिलना तय है, ऐसे में महताब का संसदीय अनुभव उनके पक्ष में जा सकता है। महताब ओडिशा से सात बार के लोकसभा सदस्य हैं और वर्तमान में वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति का नेतृत्व कर रहे हैं।

अनुराग ठाकुर और पी पी चौधरी समेत भाजपा के 10 सांसद शामिल

महताब उन 21 लोकसभा सदस्यों में शामिल हैं, जिनके नाम एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव कराने के प्रावधान वाले विधेयक का अध्ययन करने वाली संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के लिए प्रस्तावित हैं। इसमें महताब के साथ अनुराग ठाकुर और पी पी चौधरी समेत भाजपा के 10 सांसद शामिल हैं।

राज्यसभा ने शुक्रवार को देश में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक तथा उससे संबंधित एक अन्य विधेयक पर विचार के लिए गठित की जाने वाली समिति में उच्च सदन के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी। इससे पहले, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

इन विधेयकों पर विचार के लिए बनी संयुक्त समिति में लोकसभा से 27 सदस्यों को नामित किया गया है। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो मेघवाल ने राज्यसभा के 12 सदस्यों को इस समिति में शामिल करने का प्रस्ताव रखा।

समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया

उच्च सदन से इस समिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है। इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया।

उनमें भारतीय जनता पार्टी से पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैयजंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं। कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाद्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है।

समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के. राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है। समिति को आगामी बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।

इन विधेयकों को गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। सदन में मत विभाजन के बाद ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ को पुर:स्थापित किया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 263 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े थे। इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया था।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है। उन्होंने यह भी कहा था कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। कानून मंत्री मेघवाल ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है।

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर संसदीय समिति में 39 सदस्य होंगे

सरकार ने एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले दो विधेयकों का परीक्षण करने संबंधी संयुक्त समिति में सदस्यों की संख्या 31 से 39 करने का प्रस्ताव दिया था। इससे समिति में अधिक दलों का प्रतिनिधित्व हो पाएगा। सरकार द्वारा प्रस्तावित लोकसभा सांसदों की सूची में अब शिवसेना (यूबीटी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक-एक सदस्य के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो और समाजवादी पार्टी का एक और सदस्य शामिल है।

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