लाइव न्यूज़ :

एक बार फिर अफगानिस्तान के हालात से जुड़ी कश्मीर की शांति, 32 साल पहले अफगान मुजाहिदीनों ने बनाया था नर्क

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 23, 2022 17:01 IST

कश्मीर की शांति पुनः अफगानिस्तान के हालात से जुड़ गई है। सेना इसके प्रति चेताने लगी है। उसकी चेतावनी ठोस सुबूतों पर टिकी हुई है। एलओसी पर तालिबानियों की हलचल तथा मारे गए आतंकियों से पकड़े गए अमेरिकी हथियारों ने उनकी चिंता को बढ़ा दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देभारतीय सेना की संवेदनशील 15वीं कोर में स्थित सेनाधिकारी इसके प्रति चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल रहे हैं।जानकारी के लिए पिछले तीन सालों के भीतर 300 के करीब आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।

जम्मू: कश्मीर की शांति पुनः अफगानिस्तान के हालात से जुड़ गई है। सेना इसके प्रति चेताने लगी है। उसकी चेतावनी ठोस सुबूतों पर टिकी हुई है। एलओसी पर तालिबानियों की हलचल तथा मारे गए आतंकियों से पकड़े गए अमेरिकी हथियारों ने उनकी चिंता को बढ़ा दिया है। वर्ष 1990 में अफगानिस्तान से रूसी फौजों की वापसी और फिर 1996 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानियों के कब्जे के बाद ही कश्मीर में तालिबानियों के प्रवेश ने कश्मीर को नर्क बना डाला था और अब अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद तालिबानों के कश्मीर की ओर तेज से मुढ़ने की आशंका बलबती होने लगी है।

हालांकि सेना अभी इसके प्रति सिर्फ आशंका ही प्रकट कर रही है पर हालात बता रहे हैं कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की वापसी और अमेरिकी-पाकिस्तानी संबंधों में आई खटास का सीधा असर कश्मीर पर जल्द पडे़गा जहां अफगान मुजाहिदीनों को धकेलने में पाक सेना कोई कोर कसर इसलिए नहीं छोड़ना चाहती क्योंकि वह देश के भीतर बन रहे हालात से पाकिस्तानी जनता का ध्यान हटाना चाहती है।

भारतीय सेना की संवेदनशील 15वीं कोर में स्थित सेनाधिकारी इसके प्रति चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल रहे हैं। वे कहते थे कि अतीत का अनुभव यही कहता है कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ है उसका असर पाकिस्तान पर पड़ा है और उसका सीधा परिणाम कश्मीर को सहन करना पड़ा है। उनके मुताबिक, 1990 में रूसी फौजों ने अफगानिस्तान छोड़ा तो अफगान मुजाहिदीन कश्मीर की ओर आने शुरू हो गए और अब अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान छोड़ने की चर्चाएं हैं जो कश्मीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

हालांकि वे कहते थे कि कश्मीर की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े व पुख्ता प्रबंध हैं पर बावजूद इसके घुसपैठिए घुसने में कामयाब हो जाते हैं। इसकी पुष्टि कई बार की जा चुकी है। जानकारी के लिए पिछले तीन सालों के भीतर 300 के करीब आतंकी घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं। यह आंकड़ा सुरक्षा एजेंसियों का है जबकि जमीनी हालात कहते हैं कि घुसने में कामयाब होने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है।

यही कारण था कि इन गर्मियों और अगले साल कश्मीर सीमा के गर्म रहने की आशंका व्यक्त कर सेना कश्मीरियों की नींद उड़ाने लगी है। सेनाधिकारी तो यहां तक कहते थे कि आने वाले दिनों में घुसपैठ को कामयाब बनाने की खातिर पाक सेना सीजफायर को भी दांव पर लगा सकती है और उनका साथ तालिबानी आतंकी भी देंगे। वैसे भी वह कई बार एलओसी पर गोलाबारी कर इसे खत्म करने का प्रयास कर चुकी है।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरअफगानिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी