"ये उतना आसान नहीं है जितना आर्टिकल 370 को खत्म करना..", UCC को लेकर गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार को दी यह सलाह
By रुस्तम राणा | Published: July 8, 2023 03:36 PM2023-07-08T15:36:28+5:302023-07-08T15:37:37+5:30
मीडिया से बात करते हुए शनिवार को गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के साथ आगे बढ़ने के बारे में 'कभी न सोचने' की सलाह दी।
नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर देश में बहस जारी है। संभव है कि लोकसभा चुनाव 2024 भाजपा इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा बना सकती है। जहां इस्लामिक संगठन पहले ही इस कदम का विरोध कर चुके हैं, वहीं भाजपा के कुछ सहयोगियों सहित कई राजनीतिक दलों ने यूसीसी के खिलाफ अपनी आशंकाएं व्यक्त की हैं। अब इस विवादित मुद्दे पर वरिष्ठ राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी अपनी राय रखी है।
मीडिया से बात करते हुए शनिवार को आजाद ने मोदी सरकार को यूसीसी के साथ आगे बढ़ने के बारे में 'कभी न सोचने' की सलाह दी। उन्होंने कहा, "यह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जितना आसान नहीं है। इसमें सभी धर्म हैं, न केवल मुस्लिम, बल्कि इसमें सिख, ईसाई, आदिवासी, जैन और पारसी भी हैं। एक ही समय में इतने सारे धर्मों को नाराज करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख आजाद ने कहा, इस सरकार को मेरी सलाह है कि उन्हें ऐसा कदम उठाने के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए।
#WATCH | Srinagar, J&K: Democratic Progressive Azad Party chief Ghulam Nabi Azad Uniform Civil Code, says, "...This is not as easy as abrogation of article 370. It has all religions, not only Muslims, but it has Sikhs, Christians, tribals, Jains, and Parsis... angering so many… pic.twitter.com/HB5itFvzjd
— ANI (@ANI) July 8, 2023
जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के बारे में बोलते हुए आजाद ने कहा, ''जब 2018 में विधानसभा भंग कर दी गई थी, तब से हम जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।'' राज्य में व्यवस्था बहाल की जाएगी...मतलब कि चुने हुए प्रतिनिधि विधायक बनें और वही सरकार चलाएं। क्योंकि चुने हुए प्रतिनिधि ही लोकतंत्र में कई काम कर सकते हैं। दुनिया भर में या भारत के किसी भी हिस्से में 'अफसर सरकार' छह महीने से ज्यादा नहीं चल सकती।'
इस बीच, भारत के विधि आयोग ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित प्रसारित किए जा रहे कुछ व्हाट्सएप टेक्स्ट, कॉल और संदेशों के बारे में बड़े पैमाने पर जनता को सूचित करने के लिए एक अस्वीकरण जारी किया। विधि आयोग ने आग्रह किया कि जनता सावधानी बरतें और सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
विधि आयोग के अस्वीकरण के अनुसार, यह देखने में आया है कि कुछ फोन नंबर व्यक्तियों के बीच घूम रहे हैं, उन्हें गलत तरीके से भारत के विधि आयोग के साथ जोड़ा जा रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि विधि आयोग की इन संदेशों, कॉलों या संदेशों से कोई भागीदारी या संबंध नहीं है, और वह किसी भी जिम्मेदारी या समर्थन से इनकार करता है।