मुल्लापेरियार के मुद्दे पर केरल के मुख्यमंत्री को विपक्ष व स्थानीय लोगों ने लिया आड़े हाथो
By भाषा | Updated: December 7, 2021 21:31 IST2021-12-07T21:31:39+5:302021-12-07T21:31:39+5:30

मुल्लापेरियार के मुद्दे पर केरल के मुख्यमंत्री को विपक्ष व स्थानीय लोगों ने लिया आड़े हाथो
तिरुवनंतपुरम/इदुक्की, सात दिसंबर तमिलनाडु की ओर से मुल्लापेरियार बांध के फाटक रात में खोलने को लेकर केरल में पिनराई विजयन सरकार को अपनी कथित ‘निष्क्रियता’ को लेकर मंगलवार को यूडीएफ के नेतृत्व वाले विपक्ष और पेरियार नदी के पास रहने वाले लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केरल के मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार "निष्क्रिय" क्यों है और देर रात में बांध से पानी छोड़ने के तमिलनाडु के कार्यों का विरोध नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एक निगरानी समिति मौजूद है। समिति ने फैसला किया था कि मुल्लापेरियार के फाटक केरल को पर्याप्त चेतावनी दिए बिना नहीं खोले जाएंगे। यह भी तय हुआ कि रात में पानी नहीं छोड़ा जाएगा।”
विपक्ष के नेता ने कहा, “पिछले एक हफ्ते से तमिलनाडु की ओर से रात में पानी छोड़ा जा रहा है। पहली बार ऐसा हुआ तो मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष को एक पत्र लिखा। उसके बावजूद, तमिलनाडु ने रात में पानी छोड़ना जारी रखा और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की दशा दुखद है। जब भी रात में बांध के फाटक खोले जाते हैं, पानी उनके घरों में घुस जाता है।”
उन्होंने वाम सरकार पर पेरियार नदी के पास रहने वाले लोगों की मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और रात में जब बिना किसी चेतावनी के पानी घर में घुस जाता है तो उन्हें कुछ समझ नहीं आता है कि क्या करें और अपने बच्चों, बुजर्गों व अपने सामान को कहां लेकर जाएं।
उन्होंने भी प्रशासन पर प्रभावित लोगों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। इस बीच, केरल कांग्रेस (एम) के अध्यक्ष जोस के मणि सहित केरल के सांसदों ने मुल्लापेरियार मुद्दा उठाते हुए संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस मामले में प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की। केरल के कुछ सांसदों ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
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