Olympic Games Paris 2024: युवा निशानेबाज मनु भाकर एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच चुकी हैं। पेरिस ओलंपिक में पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। इसके बाद सरबजोत सिंह के साथ मिलकर भारत को पेरिस खेलों में दूसरा कांस्य पदक दिलाया। मनु और सरबजोत की भारतीय जोड़ी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16 . 10 से हराकर देश को दूसरा पदक दिलाया। ओलंपिक में दो पदक जीतने के बाद अब मनु देश भर में पहचान बना चुकी हैं। मनु की इस उपलब्धि का फायदा बड़े ब्रांड्स भी उठाना चाहते हैं। यही कारण है कि मनु को विज्ञापन के लिए करोड़ों के ऑफर मिलने शुरु हो गए हैं।
मनु का प्रबंधन करने वाली एजेंसी आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के पास ऑफर की बाढ़ आ गई है। कई ब्रांड्स तो बिना किसी सहमति के ही मनु की तस्वीर का इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं। आईओएस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के अनुसार लगभग 150-200 ब्रांड हैं जिन्होंने ऐसा किया है। एजेंसी ने लगभग 50 कानूनी नोटिस भी भेजे हैं।
पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने से पहले मनु भाकर को एक विज्ञापन के लगभग 20 लाख रुपये मिलते थे। लेकिन अब उनकी ब्रांड वैल्यू पांच से छह गुना बढ़ गई है। एक साल के अनुबंध के लिए कंपनियां अब एक से डेढ़ करोड़ का ऑफर लेकर मनु का प्रबंधन देखने वाली एजेंसी के दरवाजे पर हैं। एजेंसी ने कुछ पुराने विज्ञापन बंद कर दिए हैं। एजेंसी के अनुसार पिछले 2 से 3 दिन में ही लगभग 40 कंपनियों ने संपर्क किया है।
मनु अब दो अगस्त को 25 मीटर महिला पिस्टल क्वालीफिकेशन के लिय उतरेंगी और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है। अगर ऐसा होता है तो उनकी वैल्यू और ज्यादा बढ़ जाएगी।
हरियाणा के झज्जर की इस निशानेबाज ने जो कारनामा किया है वह आजादी के बाद से ही कोई नहीं कर पाया था। मनु स्वतंत्र भारत में एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी है। मनु अपने शानदार प्रदर्शन से तीन साल पहले टोक्यो ओलंपिक की निराशा को पीछे छोड़ने में सफल रही। टोक्यो में पिस्टल में खराबी के कारण उनका अभियान आगे नहीं बढ़ पाया था। मनु बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
पदक जीत कर भले ही मनु एक बड़ा नाम बन गई हों लेकिन उनका कहना है कि मेरी यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है यह आगे भी जारी रहेगी। मैं कड़ी मेहनत करती रहूंगी। मैं जीत और हार के बारे में सोचे बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती रहूंगी।