नई दिल्ली, 9 अप्रैल: पिछले 62 सालों से आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के बीच एक गांव को लेकर विवाद चल रहा है। ओडिशा सरकार ने कोरापुट जिले के इस विवादित कोटिया गांव में अपने अधिकारियों की एक टीम भेजी है। ओडिशा सरकार ने ये टीम आंध्र-प्रदेश द्वारा कथित घुसपैठ मामले की जांच के लिए भेजी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान सोमवार को इस एरिया का दौरा करने वाले हैं। कोटिया ग्राम पंचायत के अंदर 28 गांव आते हैं, जिसमें से 21 गांव को लेकर 1956 से ही आंध्र-प्रदेश और ओडिशा के बीच विवाद है।
विवादित कोटिया गांव में दो सरपंच हैं। जिसमें एक आंध्र प्रदेश के हैं तो दूसरे ओडिशा से हैं। कोटिया गांव के रहने वाले दाहुर खारा न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहते हैं- 'ये एक विवादित क्षेत्र है। हम ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों ही जगहों पर वोट डालते हैं। हमारे गांव में दोनों ही राज्यों को सरपंच हैं। विश्वनाथ खिला ओडिशा से हैं, वहीं बिसु जेमेल आंध्र प्रदेश के सरपंच हैं।'
लेकिन कोरापुट जिले के पूर्व डीएम जी परीदा ने किसी भी तरह के विवाद से इनकार करते हुए कहा है- 'यहां इस तरह का कोई विवाद नहीं है। ये एरिया साल 1945 से ही ओडिशा के नक्शे में है। क्योंकि ओडिशा की तरफ से यहां किसी भी तरह का विकास का काम नहीं हुआ है, जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश की सरकार यहां के लोगों को प्रलोभन देकर लुभाने की कोशिश कर रही है। आंध्र प्रदेश की सरकार का रवैया देखकर अब ओडिशा की सरकार पहली बार यहां के विकास के बारे में सोच रही है।'