कटक, 22 दिसंबर ओडिशा सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह पंचायत चुनावों के लिए जारी आरक्षण अधिसूचना को वापस ले लेगी। सरकार ने माना कि यह अधिसूचना ''दोषपूर्ण'' है।
अदालत सीटों के आरक्षण से संबंधित एक अक्टूबर की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कहा था, जिसमें अगले साल की शुरुआत में होने वाले चुनावों के लिए अपनाई जाने वाली आरक्षण नीति का विवरण मांगा गया था।
याचिकाकर्ता के वकील सुकांत दलेई ने कहा कि सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि सीटों के आरक्षण के लिए एक नयी अधिसूचना अगले सोमवार को जारी की जाएगी और आपत्तियां 3 जनवरी तक स्वीकार की जाएंगी।
दलेई ने कहा, ''सरकार 5 जनवरी को आपत्तियों पर सुनवाई के बाद 7 जनवरी को अंतिम आरक्षण सूची एसईसी को सौंपेगी।''
मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ बीरेंद्र दास द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि अगर 1 अक्टूबर की अधिसूचना को लागू किया गया तो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय अपने संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों को पूरी तरह से खो देंगे।
दास ने कहा कि सरकार की अधिसूचना 1992 के 73वें संविधान संशोधन के विपरीत है।
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