तिब्बत पर कब्जा सिर्फ शुरुआत, चीन ‘फाइव फिंगर्स’ पाने का पुरजोर प्रयास कर रहा : लोबसांग सांगे
By भाषा | Updated: April 2, 2021 21:16 IST2021-04-02T21:16:45+5:302021-04-02T21:16:45+5:30

तिब्बत पर कब्जा सिर्फ शुरुआत, चीन ‘फाइव फिंगर्स’ पाने का पुरजोर प्रयास कर रहा : लोबसांग सांगे
नयी दिल्ली, दो अप्रैल तिब्बत पर ‘‘कब्जे’’ के बाद चीन ‘‘फाइव फिंगर्स’’ को हासिल करने का पुरजोर प्रयास कर रहा है। यह दावा शुक्रवार को तिब्बत के नेता लोबसांग सांगे ने किया और कहा कि चीन का विस्तारवादी रवैया विश्व समुदाय के लिए खतरनाक है और सभी को इसकी मंशा का विरोध करना चाहिए।
सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लूरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच बफर जोन तिब्बत को खोने के बाद भारत को चीन के साथ सीमा समस्याओं के संदर्भ में भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (निर्वासन में तिब्बत की सरकार) के अध्यक्ष लोबसांग ने दावा किया, ‘‘तिब्बत पर कब्जा सिर्फ शुरुआत थी। आपने गलवान घाटी की घटना देखी, कितने सैनिक शहीद हुए। तिब्बत सिर्फ शुरुआत है क्योंकि यह हथेली है लेकिन फाइव फिंगर्स अब भी हैं जिसे चीन की सीपीसी हासिल करने के लिए जोरदार प्रयास कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि फाइव फिंगर्स ऑफ तिब्बत, चीन की विदेश नीति है जो तिब्बत को चीन के दाहिने हाथ की हथेली मानता है और इसके फाइव फिंगर्स -- लद्दाख, नेपाल, सिक्किम, भूटान और अरूणाचल प्रदेश हैं’’ और उन्हें ‘‘मुक्त’’ कराना चीन अपनी जिम्मेदारी मानता है।
लोबसांग ने कहा, ‘‘भारत को समझना चाहिए कि तिब्बत में जो हो रहा है वह ब्लूप्रिंट है और यह शिनजियांग और हांगकांग में भी हो रहा है। चीन को समझिए और उसी मुताबिक उससे निपटिए।’’
उन्होंने कहा कि बहुलवाद और विविधता, मानवाधिकार और स्वतंत्रता भारत को एकजुट करते हैं।
लोबसांग ने आरोप लगाए कि चीन की विस्तारवादी नीतियां विश्व समुदाय के लिए ‘‘खतरा’’ है।
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