पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 8 से 10 दिनों में 1000 से भी अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. आज (शुक्रवार) कोरोना संक्रमण के बिहार में 118 मामले सामने आए हैं. इस तरह राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़कर 2105 हो गया है. इनमें से अधिकांश मामले प्रवासी मजदूरों के सामने आ रहे हैं, जो दूसरे प्रदेश से वापस घर लौट रहे हैं.
बिहार में गुरुवार को कोरोना ने नया रिकॉर्ड बनाया. गुरुवार को एक दिन में कोविड-19 के 324 नए केस मिले थे, तो वहीं शुक्रवार की सुबह से अबतक 118 नए मरीज मिले हैं.
बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार बार-बार यह निर्देश देते हैं कि क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को कोई समस्या न हो, बावजूद इसके कुव्यवस्था की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बिहार के तमाम क्वरेंटाइन सेंटरों का जायजा लेने का प्रयास किया.
वहीं इस बीच क्वारेंटाइन सेंटर की अजीबो गरीब तस्वीर सामने आई है. जिसमें दरभंगा जिले के क्वारंटाइन सेंटर में रह रही महिलाओं को पहनने के लिए साड़ी की जगह लुंगी थमा दिया गया. मामला बिरौल प्रखंड के मध्य विद्यालय देवकुली धाम स्थित क्वारेंटाइन सेंटर की है, महिलायें उस वक्त भौंचक रही गईं जब उनके हाथ में लुंगी थमा दिया गया.
ऐसे में महिलाओं को साड़ी की जगह लुंगी थमाने पर व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. हालांकि सीओ राकेश कुमार ने इस मामले में प्रशासन की गलती मानते हुए महिलाओं को जल्द ही साड़ी उपलब्ध करवा देने की बात कही है. वहीं, प्रदीप कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं दरभंगा के डीएम को इसकी शिकायत की है.
उनकी मानें तो इस केंद्र पर विगत दस दिनों से दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, बंगलुरू एवं मुंबई से आये लगभग 40 आप्रवासी रह रहे हैं. इस केंद्र में रहने वाली 7 महिलाएं भी कष्ट में समय व्यतीत करने के लिए बाध्य हैं और इन महिलाओं को परिधान में साड़ी की जगह लुंगी दे दिया गया है जो सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. इस केंद्र पर देवकुली धाम और मिर्जापुर के ही अधिकांश लोग हैं.
मामला यहीं खत्म नहीं होता है. जिस तरह से सरकार पर लगातार क्वारंटाइन सेंटरों मे व्यवस्था के नाम पर कागजी खानापूर्ति का आरोप लग रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बार-बार क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था के नाम पर सरकार को घेर रहे हैं। वहीं क्वारेंटाइन सेंटरों में खाने को लेकर बार-बार हंगामे की खबरें सामने आ रही है.
वैसे में साड़ी की जगह लुंगी थमाने के मामले को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता, यहां भी वहीं व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति का मामला बन रहा है. यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में हाल के दिनों में कई जिलों के क्वारंटाइन सेंटर्स पर कुव्यवस्था को लेकर हंगामे की तस्वीरें सामने आई हैं. कहीं बार बाला से डांस कराने का मामला हो या फिर गांजा अथवा शराब की पार्टी करने का, बावाजूद इसके अधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अरमानों पर पानी फेरने में जुटे हुए हैं.