महाराष्ट्र विस से 12 भाजपा विधायकों के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी

By भाषा | Updated: December 14, 2021 22:21 IST2021-12-14T22:21:42+5:302021-12-14T22:21:42+5:30

Notice issued on petitions challenging suspension of 12 BJP MLAs from Maharashtra Viss | महाराष्ट्र विस से 12 भाजपा विधायकों के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी

महाराष्ट्र विस से 12 भाजपा विधायकों के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों की याचिकाओं पर मंगलवार को राज्य विधानसभा और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।

इन विधायकों ने सदन के पीठासीन अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर एक साल के लिए सदन से निलंबित किये जाने को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति देते हुए औपचारिक रूप से महाराष्ट्र राज्य सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनसे 11 जनवरी तक जवाब मांगा।

शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि उठाया गया मुद्दा और याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों और यहां तक राज्य की ओर से दिए गए तर्क ‘बहस’ योग्य हैं और ‘‘इन पर गंभीरता से विचार’ करने की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘‘ परिणामस्वरूप, हम प्रतिवादियों को नोटिस जारी करना उचित समझते हैं, जिसका जवाब 11 जनवरी 2022 तक दिया जाए।’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘याचिका का लंबित होना याचिकाकर्ता की ओर से सदन से रिट याचिका में उल्लेखित मामले में पुनर्विचार की संभावना को तलाशने में आड़े नहीं आएगा, कम से कम निलंबन की अवधि कम करने के संदर्भ में। यह वह मामला है जिसपर सदन विचार कर सकता है, बशर्ते कि ऐसी सलाह दी जाए।’’

इन 12 विधायकों ने सदन से एक साल के लिए उन्हें निलंबित करने के आदेश को चुनौती दी है।

इन विधायकों को राज्य सरकार की ओर से उनपर अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ ‘ दुर्व्यवहार’ का आरोप लगाए जाने के बाद पांच जुलाई को निलंबित कर दिया गया था।

इन 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटखाल्कर, पराग अलावाणी, हरीश पिम्पले, योगेश सागर, नारायण कुछे, जय कुमार रावत, राम सतपुते और बंटी भांगडिया शामिल हैं।

सुनवाई के दौरान विधायकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि इन विधायकों को इनके खिलाफ लगाये गये आरोपों की सुनवाई किये बगैर एक साल के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में भाग लेने के अधिकार को रोकने वाला प्रस्ताव पूरी तरह से अवैध है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में शामिल होने के इन विधायकों के अधिकार पर मनमाने तरीके से रोक नहीं लगाई जा सकती।

रोहतगी ने विधनसभा का सत्र 22 दिसंबर से शुरू होने की दलील देते हुए कहा कि न्यायालय को इस प्रस्ताव पर रोक लगानी चाहिए और इन विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने का अधिकार देना चाहिए।

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Web Title: Notice issued on petitions challenging suspension of 12 BJP MLAs from Maharashtra Viss

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