नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पूर्व कुश्ती संस्था प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। सिंह द्वारा दायर याचिका पर न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने सुनवाई की।
इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और पूर्व भाजपा सांसद ने छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपों को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
सिंह ने तर्क दिया कि जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई थी क्योंकि केवल पीड़ितों के संस्करण पर विचार किया गया था, जो उनके खिलाफ बदला लेने में रुचि रखते थे और आरोप के झूठ की परवाह किए बिना ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था। पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। 21 मई को ट्रायल कोर्ट ने यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए थे। अदालत ने मामले में सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आपराधिक धमकी का आरोप भी तय किया था। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।