संसद का विशेष सत्र में नहीं होगा प्रश्नकाल और शून्यकाल, उद्धव ठाकरे ने की सरकार से ये मांग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 2, 2023 08:36 PM2023-09-02T20:36:08+5:302023-09-02T20:37:24+5:30
संसद का विशेष सत्र आमतौर पर पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं होगा।
नई दिल्ली : संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और यह 22 सितंबर तक चलेगा। लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय ने यह जानकारी दी। लोकसभा सचिवालय ने इसकी जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा।
वहीं राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में कहा कि सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा का 261वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा। सत्र 18,19,20, 21 और 22 सितंबर तक चलेगा। इसमें कहा गया है कि सत्र आमतौर पर पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे और फिर अपराह्न दो बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। सचिवालय सूत्रों के अनुसार विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर सरकारी कामकाज नहीं होगा।
सरकार ने हालांकि संसद के विशेष सत्र का एजेंडा घोषित नहीं किया है। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है । यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। मोदी सरकार के अब तक के नौ वर्षों के कार्यकाल में पहली बार ऐसा संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। इससे पहले जीएसटी के लागू होने के अवसर पर जून 2017 की मध्यरात्रि को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलायी गयी थी।
सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रवधान है।
इस बीच शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने से शनिवार को मांग की कि केंद्र सरकार संसद के आगामी विशेष सत्र में मराठा और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित करे। ठाकरे की यह मांग मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के जालना में चल रहे प्रदर्शन के शुक्रवार को हिंसक हो जाने के एक दिन बाद आई है। शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करते हुए ठाकरे ने महाराष्ट्र के जालना में शुक्रवार शाम को मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने को ‘सरकार की क्रूरता’ करार देते हुए उसे आड़े हाथ लिया।
बता दें कि संभाजी नगर से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से ही मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। स्थिति तब बिगड़ी जब डॉक्टरों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की।