Lok Sabha Elections 2024: "कांग्रेस ने मुझे धोखा दिया था, मैंने नहीं", सूरत से पार्टी के उम्मीदवार रहे नीलेश कुंभानी ने कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 12, 2024 11:26 IST2024-05-12T11:19:15+5:302024-05-12T11:26:48+5:30
कांग्रेस के निलंबित नेता और सूरत से लोकसभा के प्रत्याशी रहे नीलेश कुंबानी ने पार्टी पर धोखा देने का आरोप लगाया है।

फाइल फोटो
गांधीनगर: कांग्रेस पार्टी के सूरत लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे निलेश कुंभानी ने अब सामने आकर अपनी ही पार्टी को घेरा है। उन्होंने पार्टी को धोखा देने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मेरी ओर से कांग्रेस को किसी प्रकार का धोखा नहीं दिया गया बल्कि कांग्रेस ने साल 2017 में मेरे साथ छल किया था।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार निलंबित कांग्रेस नेता नीलेश कुंभानी का नामांकन फॉर्म विसंगतियों के कारण खारिज कर दिया गया था, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात की सूरत लोकसभा सीट पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी। उस प्रकरण के लगभग 20 दिनों के बाद बीते शनिवार को सामने आकर प्रेस से बात करते हुए कुंबानी ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस ही थी जिसने 2017 में उन्हें सबसे पहले धोखा दिया था।
नीलेश कुंभानी ने कहा कि वह गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल और पार्टी के राजकोट लोकसभा उम्मीदवार परेश धनानी के प्रति सम्मान के कारण इतने दिनों तक चुप रहे।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता मुझ पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि यह कांग्रेस ही थी, जिसने 2017 के विधानसभा चुनावों में मुझे सबसे पहले धोखा दिया जब सूरत की कामरेज विधानसभा सीट से मेरा टिकट आखिरी समय में रद्द कर दिया गया। यह कांग्रेस ही थी, जिसने पहली गलती की, मैंने नहीं।''
कांग्रेस को सूरत में भारी चोट पंहुचाने वाले नीलेश कुंभानी ने कहा, "मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मेरे समर्थक, कार्यालय कर्मचारी और कार्यकर्ता परेशान थे क्योंकि पार्टी को सूरत में पांच स्वयंभू नेताओं द्वारा चलाया जा रहा है और वे न तो काम करते हैं और न ही दूसरों को काम करने देते हैं।"
नीलेश कुंभानी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ न केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के नेता भी साजिश में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मैं यहां आप नेताओं के साथ प्रचार करता था तो इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा लोकसभा चुनाव में यह घटनाक्रम कांग्रेस के प्रति उनका बदला है, नीलेश कुंभानी ने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया लेकिन साथ में 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट रद्द करने के अपने आरोप को फिर से दोहराया।
मालूम हो कि नीलेश कुंभानी, जो पहले सूरत नगर निगम में कांग्रेस पार्षद के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 2022 का विधानसभा चुनाव कामरेज से लड़ा, लेकिन भाजपा से हार गए थे।
बीते 21 अप्रैल को चुनाव आयोग ने कुंभानी का सूरत लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था क्योंकि उनके तीन प्रस्तावकों ने जिला रिटर्निंग अधिकारी को हलफनामा देकर दावा किया था कि उन्होंने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
संयोग से कांग्रेस के स्थानापन्न उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन फॉर्म भी खारिज कर दिया गया। 22 अप्रैल को बसपा के एक उम्मीदवार सहित अन्य सभी उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा के मुकेश दलाल को सूरत से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था।