'शुल्क संबंधी जीआर पर स्कूलों के खिलाफ 20 सितंबर तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं'
By भाषा | Published: August 27, 2021 07:31 PM2021-08-27T19:31:42+5:302021-08-27T19:31:42+5:30
बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वर्तमान अकादमिक वर्ष के लिए स्कूलों को शुल्क में 15 फीसदी की कटौती करने के लिए कहने संबंधी 2 अगस्त के सरकारी संकल्प (जीआर) को लागू करने के बाबत एसोसिएशन ऑफ इंडियन स्कूल्स के सदस्यों के खिलाफ वह 20 सितंबर तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे। न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति आरआई चांगला की खंडपीठ ने 25 अगस्त को राज्य सरकार से कहा कि वह जीआर को चुनौती देने वाली एसोसिएशन की याचिका के जवाब में हलफनामा दायर करे। एसोसिएशन के सदस्य निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल, निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूल और सार्वजनिक धर्मार्थ न्यास हैं जो स्कूलों का संचालन करते हैं। याचिकाकर्ता के वकील प्रवीन समधानी ने कहा कि राज्य में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा फीस वसूली से संबंधित प्रावधान महाराष्ट्र शिक्षा संस्थान (फीस नियमन) कानून, 2011 में पहले से हैं अत: सरकार को ऐसा जीआर जारी करने की आवश्यकता नहीं है। राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने उच्चतम न्यायालय के मई माह के आदेश के मद्देनजर जीआर जारी किया था जिसमें न्यायालय ने राजस्थान सरकार से छात्रों द्वारा सुविधाओं का लाभ नहीं उठाए जाने के बदले में 15 फीसदी कम सालाना फीस लेने को कहा था। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा और मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 20 सितंबर तय की।
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