नई दिल्ली, 20 जुलाई। संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। कार्यवाही और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास पर बहस भी शुरू हो चुकी है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या कांग्रे अध्यक्ष राहुल गांधी की स्पीच से सदन में भूकंप आएगा? अपने अमेठी दौरे के दौरान आज से ठीक 88 दिन पहले एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, 15 मिनट संसद में मेरी स्पीच मोदी जी के सामने करा दीजिए, पीएम मोदी मेरे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे।
No-Confidence Motion LIVE: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, रोजगार सहित गिनाए जुमले
संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए कांग्रेस को 38 मिनट का समय मिला है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस विषय पर मल्लिका अर्जुन खड़के अपनी बात रखेंगे या फिर राहुल गांधी को बोलने का मिलेगा। पूरे देश की नजर इस बात टिकी होंगी कि राहुल गांधी क्या बोलते हैं? क्योंकि वो बहुत दिनों से सरकार के खिलाफ बोलना चाहते हैं? बहरहाल, राहुल गांधी की 15 मिनट वाली स्पीच को लेकर ट्विटर पर #BhookampAaneWalaHai ट्रैंड हो रहा है और कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।
क्या है अविश्वास प्रस्ताव
भारत में जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो।
मॉनसून सत्र 2018
भारतीय संसद का मॉनसून सत्र 2018 18 जुलाई से प्रारम्भ होकर 10 अगस्त तक चलेगा। सदन के के कुल 24 दिनों के इस सत्र में कुल 18 दिन सदन की बैठक होगी। सदन के इस सत्र में कुल 48 मामले पेश होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार इस दौरान 46 विधेयक और दो वित्तीय विधेयक पेश करेगी। इस सत्र में तीन तलाक़, मेडिकल एजुकेशन बिल और ट्रांसजेंडर बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश होने वाले हैं।
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