नई दिल्ली: दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात प्रचारक के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना में उन छह लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई है। इस खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा कर रख दिया है। तबलीगी जमात दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था। इस मामले ताजा अपडेट देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा, निजामुद्दीन मरकज भवनऔर निजामुद्दीन में मेडिकल टीम और पुलिस मौजूद है। फिलहाल 860 लोगों को अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है, 300 को शिफ्ट करना बाकी है। इस महीने के शुरू में मरकज में लगभग 2500 लोग एक समारोह में शामिल हुए थे। जिन सबपर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। वहीं 185 लोगों का कोरोना टेस्ट भी करवाया जा रहा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, अंदाजा लगाया जा रहा है कि वहां 1500, 1600 के आस-पास लोग हैं। 1033 लोगों को निकाला जा चुका है। जिनमें से 334लोगों को अस्पताल और 700 के करीब लोगों को क्वारंटीन सेंटर भेजा गया है। स्क्रीनिंग चल रही है। मरकज में ठहरे 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
जानें कैसे तबलीगी जमात से फैला कोरोना वायरस
इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था। इस दौरान तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था। यह आयोजन तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय में हुआ था। बताया जा रहा है कि इसमें हजार से भी अधिक लोग जमा हुए थे, जिनमें अधिकतर भारतीय थे। यहीं पर कुछ ऐसे लोग भी थे, जो कोरोना से संक्रमित थे। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।
इस धार्मिक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कुछ वरिष्ठ मौलाना भी थे। जिसमें बहुत लोग सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया से भी आए थे, उन देशों में पहले ही कोरोना बुरी तरह से फैला हुआ है। कार्यक्रम में करीब 250 विदेशी मेहमान थे। विदेशी मेहमानों में थाईलैंड और किर्गिस्तान से आए लोग भी थे, जो अभी वापस नहीं लौटे हैं।
इस धार्मिक आयोजन में हिस्से लेने के बाद सभी लोग अपने देश और भारत के राज्यों में वापस चले गए। देश के कई हिस्सों से मुस्लिम समाज के लोग और मौलाना इस कार्यक्रम में आए थे और जब ये लोग वापस गए तो अपने साथ ले गए कोरोना वायरस का खतरा भी ले गए। इस तरह विदेश से आया हुआ कोरोना वायरस एक धार्मिक आयोजन की वजह से देश के तमाम राज्यों में फैल गया।
दिल्ली पुलिस के नोटिस के बाद भी हुआ धार्मिक आयोजन
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस धार्मिक आयोजन में दिल्ली से करीब 300 से 400 लोगों ने भाग लिया था। उन्होंने बताया, ‘‘हमने मरकज की इमारत को बाकी इलाके से अलग कर दिया जहां तबलीग-ए-जमात हुई थी। हम स्वास्थ्य विभाग को लोगों को जांच के लिए निकालने में मदद कर रहे हैं।’’ एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संस्थान को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में नोटिस जारी किया गया है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू बंद के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया।’’ इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगा दी थी। पूरे इलाके का घेराव कर लिया गया है जिसमें तबलीग-ए-जमात का मुख्यालय और आवास शामिल हैं।
निजामुद्दीन के मौलाना के खिलाफ दर्ज होगी FIR
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दक्षिणी दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात का नेतृत्व करने के लिए एक मौलाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का सोमवार को आदेश दिया। दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जो आयोजक हैं उन्होंने बहुत ही घोर अपराध किया है। पूरे देश और दिल्ली के अंदर आपदा और महामारी रोग एक्ट लागू था। मैंने खुद Lt. गवर्नर को इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार ने इन लोगों पर FIR दर्ज़ करने का निर्देश दिया है।
दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए मंगलवार को पास की कॉलोनियों में घर-घर एक अभियान शुरू करेगी। पुलिस किसी तरह के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है। लोगों को पृथक केंद्रों तक ले जाने के लिए बसों को तैयार रखा गया है। इलाके के उन होटलों को सील कर दिया गया है जिनमें जमात के लोग ठहरे थे.