पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक समारोह में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का प्रमाण-पत्र और नियुक्ति-पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही बिहार में 1 लाख 14 हजार से अधिक नियोजित शिक्षक अब राज्यकर्मी बन गए हैं। इस दौरान नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया कि नियोजित शिक्षक जहां हैं वहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद स्पष्ट हो गया है कि नियोजित शिक्षक से विशिष्ट शिक्षक बने शिक्षकों का दूसरी जगह पदस्थापन नहीं होगा। इस अवसर पर जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां नियुक्ति-पत्र वितरण की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी गई। बिहार के विभिन्न जिलों में 98, 349 प्रारंभिक शिक्षक, 12, 524 माध्यमिक शिक्षक और 3, 265 उच्च माध्यमिक शिक्षक को नियुक्ति पत्र दिए गए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षक अपनी नई पदस्थापना को लेकर बहुत परेशान हैं तो हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि नियोजित शिक्षक जिस जगह पर काम कर रहे हैं, वहीं पर काम करने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को गंभीरता से पढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि खूब पढ़ाइए और मन से पढ़ाईए, जो यह दर्शाता है कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर प्रतिबद्ध है। यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ शिक्षकों को उनके अधिकार और जिम्मेदारियों के प्रति प्रेरित करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद को निशाने पर लेते हुए कहा कि वर्ष 2005 के पहले बिहार में शिक्षा की क्या स्थिति थी? 2005 के पहले स्कूलों की कमी थी। अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद आए बदलावों की याद दिलाते हुए कहा कि हमने 2006-07 में पोशाक योजना शुरू की। 2008 में छात्राओं के लिए साइकिल योजना की शुरुआत हुई।
बाद में इसे लडकों के लिए भी शुरू किया गया। लालू यादव और राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री काल की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि याद रखिए। पुरनका चिजबा को याद रखिए। अब सबका घरबा कितना बड़ा बन गया है। पटना में कोई शाम में निकलता था? उन्होंने बिना नाम लिए ही 2005 के पहले राज्य में बिगड़ी कानून-व्यवस्था की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए कितना कुछ किया है। पहले से अब कितना बदल गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने लगातार नौकरी देने का काम किया है और यह भूलने वाली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो- जो काम किया है वह सबको मालूम है। उन्होंने पत्रकारों की ओर भी ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि पत्रकार सब भी भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले 12वीं पास होने पर लड़कियों को 10, 000 देते थे, अब 50, 000 देते हैं। ग्रेजुएट होने पर 25, 000 देते थे और आप 50, 000 देते हैं. लड़के और लड़की सब बराबर होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा कि वह अब एनडीए के साथ ही रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने दो बार गलती कर दी थी अब कभी इधर-उधर नहीं होगा, क्योंकि शुरू से तो हम साथ ही थे। एक-एक काम हो रहा था सब साथ में थे। फिर भी सभी लोग एक ही साथ रहे हैं और रहेंगे, कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे।