पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान के पटना स्थित आवास पर गए और छठ पूजा के अवसर पर खरना प्रसाद ग्रहण किया। यह कदम बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर नए राजनीतिक समीकरणों और आंतरिक समीकरणों को लेकर अटकलों के बीच उठाया गया है। पासवान ने एक्स पर एक पोस्ट में सभा की तस्वीरें साझा कीं और उनसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
पासवान ने मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि धन्यवाद माननीय मुख्यमंत्री जी, जो आज आप मेरे आवास पर आए और खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मेरे परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर छठ महापर्व की शुभकामनाएं देने के लिए हार्दिक आभार।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के घर पहुंचे, जहां उन्होंने छठ पूजा के तहत होने वाले ‘खरना’ प्रसाद ग्रहण किया। ‘खरना’ के बाद श्रद्धालु 36 घंटे के कठिन उपवास की शुरुआत करते हैं। चिराग ने अपने श्रीकृष्ण पुरी स्थित आवास पर पहुंचे जनता दल यूनाइटेड (जदयू) सुप्रीमो की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरे घर पधारकर ‘खरना प्रसाद’ ग्रहण करने के लिए धन्यवाद। मेरे परिवार और मुझे आपके द्वारा व्यक्त की गई शुभकामनाओं के लिए आभार।’’ सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में कुमार को चिराग एवं उनके परिवार के करीबी सदस्यों के साथ देखा जा सकता है।
इन करीबी सदस्यों में चिराग की मां रीना पासवान और बहनोई अरुण भारती (जमुई के सांसद) मौजूद थे। चिराग पूर्व में दो बार जमुई सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं हालांकि बाद में उन्होंने अपने पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर का रुख किया था।
अब ‘बिहारी होना’ राज्य के लोगों के लिये गर्व की बात: नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दावा किया कि नवंबर 2005 में उनकी सरकार बनने के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और आज ‘‘बिहारी होना’’ राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “लोग 2005 से पहले का बिहार नहीं भूल सकते, जब अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर थे।
हमारी सरकार आने के बाद कानून-व्यवस्था की बहाली को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। अपराध और भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई गई। अब राज्य में भय और आतंक का माहौल नहीं है। अब बिहारी होना राज्य के लोगों के लिये गर्व की बात है।’’ मुख्यमंत्री ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि 2005 से पहले (जब राजद सत्ता में थी) राज्य में पूरी तरह अराजकता का माहौल था। उन्होंने लिखा, ‘‘शाम छह बजे के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता था। हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। अपहरण उद्योग का रूप ले चुका था।
शोरूम से वाहन लूट लिए जाते थे। अपराधियों के डर से कोई नई गाड़ी खरीदना नहीं चाहता था।’’ उन्होंने दावा किया, “पैसे वाले लोग भी नया मकान बनाने से कतराते थे। उगाही करने वालों के आतंक से उद्योग-धंधे बंद हो गए थे। डॉक्टर और इंजीनियर राज्य छोड़कर जा रहे थे”। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी थी।
कानून-व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं थी। अपराध को सत्ता में बैठे लोग संरक्षण देते थे। लोग भय के साए में जीने को मजबूर थे। उस समय बिहारी होना अपमान माना जाता था।’’ नीतीश कुमार ने कहा कि उस दौर में पुलिस के पास न तो पर्याप्त वाहन थे और न ही आधुनिक हथियार। इससे पुलिस का मनोबल बहुत कम था।
उन्होंने बताया, “2005 में बिहार में पुलिस थानों की संख्या केवल 817 थी, जो अब बढ़कर 1,380 से अधिक हो गई है।” उन्होंने कहा कि 24 नवंबर 2005 को नयी सरकार के गठन के समय बिहार पुलिस की संख्या बेहद कम थी। कुमार ने बताया कि तब केवल 42,481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे। मुख्यमंत्री के अनुसार, 2013 से महिलाओं को पुलिस बल में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए बड़ी संख्या में महिला कांस्टेबलों की भर्ती की गई। ‘ट्राइबल विमेंस प्राइड बटालियन’ का गठन किया गया। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी अब देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि 2005 में राज्य की जनता ने तय कर लिया था कि बिहार को विकास के रास्ते पर आगे ले जाना है।
उन्होंने कहा, “2005 बिहार के लिए एक टर्निंग प्वाइंट था। आज बिहार न्याय के साथ विकास कर रहा है। युवाओं को रोजगार मिल रहे हैं और बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं। नया बिहार उद्योगों का राज्य है… राज्य समृद्ध हो रहा है। बिहार की जनता उस अराजक काल में कभी वापस नहीं जाएगी।” बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे तथा मतगणना 14 नवंबर को की होगी।