पटनाः बिहार के मनोनीत सीएम नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को फोन किया और उनके शपथ ग्रहण समारोह से पहले सभी राजनीतिक घटनाक्रमों से अवगत कराया। लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बधाई दी और उनके फैसले की सराहना की। राजद प्रमुख की बेटी और सांसद मीसा भारती ने जानकारी दी।
लालू प्रसाद ने कुमार के फैसले का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। लालू प्रसाद एक बीमारी से उबर रहे हैं और यहां अपनी बेटी के साथ रहते हैं। किसी जमाने में लालू प्रसाद के चिर प्रतिद्वंद्वी रहे कुमार ने बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले उनके साथ गठबंधन कर लिया था और यह गठबंधन चुनाव जीत गया था। अब सात साल बाद फिर से उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपना गठबंधन तोड़कर राजद से हाथ मिला लिया है।
आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे नीतीश कुमार
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार बुधवार दोपहर आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान दोपहर करीब दो बजे राजभवन में आयोजित एक समारोह में कुमार (71) को पद की शपथ दिलाएंगे। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे और सत्ता में वापसी करेंगे।
राजद, उस महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है, जिसने मंगलवार को कुमार को अपना नेता चुना था। ऐसा माना जा रहा था कि केवल कुमार और यादव ही शपथ लेंगे, हालांकि बहुदलीय महागठबंधन से जुड़े एक सूत्र ने ‘‘तीन से पांच’’ मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने के संकेत दिए हैं। जदयू और राजद के अलावा नए मंत्रिमंडल में कांग्रेस के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है।
वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बाहर से नई सरकार का समर्थन करने का इरादा व्यक्त किया है। कुमार के मंगलवार को इस्तीफा देने और महागठबंधन के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता से बेदखल हो गई।
कुमार ने पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने केवल एक सप्ताह तक चलने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का नेतृत्व किया था। राजग गठबंधन के 2005 में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभाला।
इसके बाद 2010 में राजग ने पांच साल बाद विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की और कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, कुमार ने 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, लेकिन एक साल से भी कम समय में उन्होंने वापसी की और उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
2015 में कुमार राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में आरामदायक बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने जुलाई 2017 में राजद के साथ असंगत मतभेदों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, 24 घंटे से भी कम समय में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर उन्होंने भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई। कुमार ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर में सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
(इनपुट एजेंसी)