पटनाः राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार हमले कर रहे हैं। गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन से बाहर होने के बाद भी नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अपने चैनल बंद नहीं किए हैं। प्रशांत ने कहा कि इसका सबसे बड़ा सबूत राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह हैं जो जद (यू) के सांसद हैं। न तो उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है, न ही पार्टी ने उन्हें पद खाली करने के लिए कहा है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
प्रशांत किशोर का इशारा जदयू सांसद व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की ओर था। उन्होंने कहा कि "जहां तक मुझे पता है, नीतीश कुमार हरिवंश जी के माध्यम से भाजपा के साथ अपने चैनल बनाए हुए हैं। अन्यथा, यह कैसे उचित है कि अब आप गठबंधन से बाहर हैं लेकिन आपके सांसद अभी भी राज्यसभा में महत्वपूर्ण पद पर हैं?"
गौरतलब है कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर सकते हैं। किशोर ने इसके पहले नीतीश के बारे में दावा किया था, ‘‘जब आपने राजग छोड़ दिया है तो उस पद को क्यों नहीं छोड़ रहे हैं। उस पद को छोड़िये या उस सांसद को हटाइए।’’
मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशांत ने आगे कहा कि कुछ लोग सोच सकते हैं कि नीतीश कुमार केंद्र में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन (विपक्ष का महागठबंधन) की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन यह बहुत विश्वसनीय नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा, "नीतीश कुमार 17 साल से मुख्यमंत्री हैं और इसमें से उन्हें 14 साल तक भाजपा का समर्थन प्राप्त था।"
हाल के दिनों में कई बार नीतीश पर प्रहार कर चुके किशोर ने गुरुवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के नाम पर वोट मांगे थे, लेकिन दो साल बाद जनता को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि वह आज फिर भाजपा के साथ लड़ाई का नाटक कर रहे हैं, वह फिर से पलट सकते हैं। नरेंद्र मोदी, जगन मोहन रेड्डी और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के कई सफल चुनाव अभियान को संभाल चुके किशोर ने पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक परामर्श से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी।