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फिर से रेल बजट अलग पेश करने की नीतीश कुमार ने की मांग, कहा- चर्चा होती थी तो रातभर हाउस चलता रहता था

By एस पी सिन्हा | Updated: January 20, 2023 19:14 IST

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार में जब रेल मंत्री का दायित्व मिला तो रेलवे का जितना हो सका विकास किया।

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ठळक मुद्देनीतीश कुमार ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वे रेल मंत्री हुआ करते थे तब कितने ही लोगों को नौकरी दी गई थी।मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल का जो बजट था, जब उसकी चर्चा होती थी तो रातभर हाउस चलता रहता था।नीतीश कुमार ने कहा कि हर किसी के जीवन में रेलवे का काफी महत्व है।

पटना: बिहार में समाधान यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से एक बड़ी मांग करते हुए कहा कि देश के आम बजट से रेलवे के बजट को अलग कर संसद में पेश किया जाए। रेल विभाग में मोदी सरकार के नौकरी दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रेल विभाग में सब दिन से नौकरी मिलते रहती थी। ये नया कुछ थोड़े ही है। 

नीतीश कुमार ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वे रेल मंत्री हुआ करते थे तब कितने ही लोगों को नौकरी दी गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल का जो बजट था, जब उसकी चर्चा होती थी तो रातभर हाउस चलता रहता था। जब रेल बजट पेश होता था तो उसकी कितनी चर्चा पूरे देश में होती थी। इतनी बड़ी चीज थी, हम तो कहेंगे की रेलवे का बजट अलग से करवाइए। 

नीतीश कुमार ने कहा कि हर किसी के जीवन में रेलवे का काफी महत्व है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार में जब रेल मंत्री का दायित्व मिला तो रेलवे का जितना हो सका विकास किया। रेलवे का विकास हो, खूब अच्छा हो जाए तो लोगों को और सहूलियत हो जाएगी। रेलवे में पहले ही तरह बहालियां भी होनी चाहिए, ये तो बहुत अच्छी बात है। 

वहीं जातिगत गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इससे उनकी सरकार का मनोबल बढा है और इस गणना से काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने निकाय चुनाव को भी रोकने की कोशिश की थी, पर उनलोगों ने कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव कराया और अभी नगर सरकार ने काम भी करना शुरू कर दिया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत से लोगों को लग रहा था कि हम गणना नहीं करवाएंगे। यह तो सबके फायदे के लिए करवाया जा रहा है। हम तो पहले ही बता दिए हैं कि, यह जाति आधारित गणना है न कि जनगणना। हमलोग इससे जानना चाहते हैं कि बिहार के लोगों की आर्थिक स्तिथि क्या है? उसी के हिसाब से बजट भी लाया जाएगा।

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