ट्रैफिक चालान की बढ़ी दरों पर पहली बार राज्यों के अधिकार को स्वीकार करते हुए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर राज्य सरकार चाहें तो दर कम कर सकती हैं. केंद्र सरकार के नए ट्रैफिक नियम से अलग जाते हुए गुजरात सरकार ने ट्रैफिक जुर्माना को आधा कर दिया है.
इसके बाद कई अन्य राज्यों ने भी उसी दिशा में जाने का संकेत दिया है. ऐसी इच्छा रखने वालों में महाराष्ट्र को भी माना जा रहा है. यहां भी गुजरात की तरह भाजपा की ही सरकार है. नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के इतर कहा कि सरकार का इरादा अपना खजाना भरना नहीं है. हम केवल जनता की सुरक्षा चाहते हैं.
भाजपा में मतभेद!
असल में हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्य, जहां पर भाजपा की सरकार है और आने वाले दिनोंं में जहां पर विधानसभा चुनाव भी हैं, वहां पर भाजपा की राज्य पार्टी इकाई के नेता यह मान रहे हैं कि जिस तरह से ट्रैफिक चालान की दरें बढ़ाई गई हैं और पुलिसकर्मी 50 हजार से लेकर 70 हजार रुपए तक का चालान काट रहे हैं, उससे जनता के बीच सही संदेश नहीं जा रहा है.
सबसे पहले अधिकारिक रूप से केंद्र से अलग जाने का कार्य गुजरात ने किया. उसने नए प्रावधानों के उलट जुर्माना की दर काफी घटा दी है. और इसके लिए भूतल परिवहन मंत्रालय से कोई चर्चा भी नहीं की.
इससे यह समझा जा रहा है कि स्वयं भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस पहल से सहमत नहीं है. जनहित में फैसला किया गडकरी का मानना है कि उन्होंने जनता के हित में कदम उठाया है. अगर किसी राज्य को लगता है कि तो वह चालान दर कम कर सकती है. उन्होंने कहा कि मेरा मकसद दुर्घटना और उससे होने वाली मौत को रोकना है. भारत में सबसे अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है.