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चीन से निकलने वाले निवेशकों को भारत ने दिया न्योता, नितिन गडकरी ने कहा- यहां आने वाली कंपनी को हर संभव मिलेगी सहायता

By भाषा | Updated: June 3, 2020 05:22 IST

मौजूदा परिवेश में चीन के खिलाफ बने माहौल कोकेन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘‘संकट के रूप में संयोग’’ बताते हुये कहा कि वह स्वयं ऐसे मामलों की निगरानी करेंगे और इस तरह के निवेशकों की जरूरतों को राजयों के समक्ष उठायेंगे और दोस्ताना निवेश माहौल बनायेंगे।

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ठळक मुद्देकेन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चीन से अपने निवेश समेटकर भारत आने वाली कंपनियों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।उन्होंने कहा कि जो कंपनियां भारत आना चाहती हैं उनके केन्द्र और राज्यों के स्तर पर भी तमाम मुद्दों का समाधान किया जायेगा।

नई दिल्लीः केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चीन से अपने निवेश समेटकर भारत आने वाली कंपनियों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां भारत आना चाहती हैं उनके केन्द्र और राज्यों के स्तर पर भी तमाम मुद्दों का समाधान किया जायेगा और अनुगूल कारोबारी माहौल उपलब्ध कराया जायेगा। 

मौजूदा परिवेश में चीन के खिलाफ बने माहौल को मंत्री ने ‘‘संकट के रूप में संयोग’’ बताते हुये कहा कि वह स्वयं ऐसे मामलों की निगरानी करेंगे और इस तरह के निवेशकों की जरूरतों को राजयों के समक्ष उठायेंगे और दोस्ताना निवेश माहौल बनायेंगे। केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यदि आप इस तरह के दस प्रस्ताव लाते हैं तो मैं उनकी केन्द्र और राज्य के स्तर पर आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये आगे रहूंगा।’’ 

गडकरी यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बड़े उद्योगों से आग्रह किया कि वह सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्योगों के बकाया भुगतान को 45 दिन के भीतर निपटान करें। हालांकि, उन्होंने इस मौके पर यह स्वीकार किया कि कई बड़ी कंपनियों का सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास बकाया फंसा हुआ है। 

प्रवासी श्रमिकों की कठिनाई से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुये गडकरी ने कहा, ‘‘प्रवासी श्रमिकों को लेकर मीडिया और अन्य लोगों ने जो ऐसी धारणा बनाई है कि हमारे उद्योग शत प्रतिशत प्रवासी मजदूरों पर निर्भर है, लेकिन जब में इसके विस्तार में जाता हूं तो उसके बाद जो जानकारी मुझे मिलती है तो उसके मुताबिक यह केवल 10 से 20 प्रतिशत के दायरे में है।’’ 

उन्होंने माना कि लोगों के मन में डर है जिसकी वजह से वे पटना और लखनऊ की तरफ जाने लगे। ज्यादातर प्रवासी श्रमिक बिहार और उत्तर प्रदेश से थे। उनमें से कुछ महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और तेलंगाना तथा कुछ अन्य मध्य प्रदेश से भी रहे हैं। 

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