लोकसभा में निर्मला सीतारमण का कांग्रेस पर हमला, कहा-हमारे यहां कोई जीजा नहीं है
By स्वाति सिंह | Published: December 2, 2019 08:10 PM2019-12-02T20:10:25+5:302019-12-02T20:10:57+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि नवंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पांच प्रतिशत बढ़ा है। लोकसभा में कराधान अधिनियम संशोधन विधेयक, 2019 पर बहस का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में कोई कमी नहीं आई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बिना नाम लिए कांग्रेस और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज हमारी योजनाओं का लाभ आम आदमी को मिल रहा है, न कि किसी के जीजा या दामाद को।'
संसद में सीतारमण ने कहा 'हमारी सरकार ने जो योजनाएं चलाई है उससे आम आदमी को फायदा मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना का लाभ जिन लोगों को मिल रहा है वो किसी के रिश्तेदार, जीजा या दामाद हैं क्या?' इसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से सदन में हंगामा हुआ तो निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी पार्टी में कोई जीजा नहीं है, सभी कार्यकर्ता हैं।'
उन्होंने कहा 'मुझे बताया गया है कि मैं सबसे खराब वित्त मंत्री हूं, वे मेरा कार्यकाल खत्म होने का इंतजार भी नहीं कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि कृपया मुझे और आइडिया दें, हम इस पर काम करेंगे। अगर कोई सरकार है जो सुनती है, तो वह मोदी की सरकार है।'
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि नवंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पांच प्रतिशत बढ़ा है। लोकसभा में कराधान अधिनियम संशोधन विधेयक, 2019 पर बहस का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने इन आशंकाओं को खारिज किया कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती के बाद राजस्व संग्रह प्रभावित होगा।
उन्होंने कहा कि वास्तव में नवंबर तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में पांच प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों को देखा जाए तो वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह अधिकतम रहता है। सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती का मुख्य उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र में नया निवेश आकर्षित करना है।
वित्त मंत्री ने बताया कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती की घोषणा के बाद कई घरेलू और वैश्विक कंपनियों ने भारत में निवेश की इच्छा जताई है। नकदी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों ने हाल में ऋण वितरण कार्यक्रम या संपर्क अभियान के तहत 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटा है। इसमें से डेढ़ लाख करोड़ रुपये का नया ऋण है। सीतारमण ने इस धारणा को खारिज किया कि सरकार आलोचना नहीं सुनना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह कहना अनुचित होगा कि सरकार आलोचना सुनने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा था कि भारतीय उद्योग जगत सरकार की आलोचना करने से डरता है।