निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में एक दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी गई है। 16 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान दोषियों की फांसी पर स्टे लगा दिया। निर्भया के दोषियों की फांसी फिर टल गई है। इस पर निर्भया की मां आशा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द से जल्द दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। आशा देवी ने कहा, 'अभी तक मैंने कभी राजनीति को लेकर बात नहीं की है लेकिन अब मैं कहना चाहती हूं कि जो लोग 2012 में मेरे साथ सड़को पर विरोध प्रदर्शन में उतरे थे, आज वही लोग राजनीतिक फायदे के लिए मेरी बेटी की मौत के साथ खेल रहे हैं।'
पीएम मोदी से अपील करते हुए निर्भया की मां ने कहा, सरकार चुप है, कोर्ट चुप है, कानून में कमियां हैं। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2017 में आ गया, तब मैं दिल्ली सरकार के पास गई, केंद्र के पास गई। आखिर दोषियों को इतना अधिकार क्यों?' मैं प्रधानमंत्री जी से यही कहना चाहती हूं कि आपने जिस तरह से तमाम किए हैं, उसी तरह बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दीजिए।'
निर्भया के दोषी फांसी के तख्ते से बच नहीं पाएंगे: निर्भया के पिता
निर्भया के पिता ने गुरुवार को कहा कि निर्भया के दोषी चाहे जितने भी कानूनी दांवपेंच अपना लें वह फांसी के तख्ते से बच नहीं पाएंगे। निर्भया के पिता का बयान ऐसे समय आया है जब दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को गुरुवार को निर्देश दिया कि वे निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी करार दिए गए चारों कैदियों को मृत्युदंड दिए जाने की स्थिति पर शुक्रवार तक रिपोर्ट सौंप दें।
दोषी मुकेश द्वारा दया याचिका दायर करने के बाद 22 जनवरी को दोषियों को मृत्युदंड देने के मुद्दे पर जेल अधिकारियों ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जेल अधिकारियों को निर्देश जारी किये। निर्भया के पिता ने कहा कि आगे की कार्रवाई पर अदालत शुक्रवार को फैसला करेगी।
उन्होंने कहा, “हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। पीड़िता के परिवार के लिए कोई कानून नहीं है लेकिन दोषियों के लिए कानूनी प्रावधान उपलब्ध हैं इसीलिए समस्याएं पैदा हो रही हैं।” हालाँकि उन्होंने कहा कि वे निराश नहीं हैं और न्याय के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। निर्भया के पिता ने कहा, “न्याय दूर नहीं है और उनकी (दोषियों की) फांसी दूर नहीं है। उन्हें फांसी के लिए तैयार रहना चाहिए। देर भले हो लेकिन उन्हें फांसी होगी।”