निर्भया केस में न्यायिक प्रक्रिया का बना मजाक! राष्ट्रपति ने विनय की दया अर्जी खारिज की तो कुछ ही घंटे में तीसरे दोषी ने दायर कर दी याचिका

By भाषा | Published: February 2, 2020 07:26 AM2020-02-02T07:26:03+5:302020-02-02T07:51:22+5:30

राष्ट्रपति द्वारा दोषी विनय कुमार शर्मा (26) की दया याचिका खारिज किये जाने के कुछ घंटे बाद तीसरे दोषी अक्षय ठाकुर (31) ने दया याचिका दायर की।

Nirbhaya: Judicial process became joke, President rejects plea of Vinay, third convict files petition | निर्भया केस में न्यायिक प्रक्रिया का बना मजाक! राष्ट्रपति ने विनय की दया अर्जी खारिज की तो कुछ ही घंटे में तीसरे दोषी ने दायर कर दी याचिका

निर्भया केस के चारों दोषी। (फाइल फोटो)

Highlightsराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2012 निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दूसरे दोषी की दया याचिका खारिज कर दी है।वहीं केंद्र ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि चारों दोषियों ने न्यायिक प्रक्रिया को मजाक की तरह लिया है और अपनी फांसी टलवाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2012 निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दूसरे दोषी की दया याचिका खारिज कर दी है। वहीं केंद्र ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि चारों दोषियों ने न्यायिक प्रक्रिया को मजाक की तरह लिया है और अपनी फांसी टलवाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

राष्ट्रपति द्वारा दोषी विनय कुमार शर्मा (26) की दया याचिका खारिज किये जाने के कुछ घंटे बाद तीसरे दोषी अक्षय ठाकुर (31) ने दया याचिका दायर की।

दो अन्य दोषियों में मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता (25) हैं। मुकेश की दया याचिका खारिज हो चुकी है। एक निचली अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों की फांसी की सजा की तामील अगले आदेश तक स्थगित कर दी।

इन चारों को पहले शनिवार सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी थी। इससे दोषियों को दो सप्ताह में दूसरी बार राहत मिल गई। केंद्र ने दोषियों की फांसी की तामील स्थगित करने के निचली अदालत के फैसले को शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी और अर्जी को तत्काल सुनवायी के लिए मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल के समक्ष उल्लेखित किया।

न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने दिन के अंत में अर्जी पर सुनवायी की जिसके बाद न्यायाधीश ने चारों दोषियों से जवाब मांगा। उच्च न्यायालय रविवार को फिर से मामले की सुनवायी करेगा। सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि निर्भया मामले में दोषियों ने कानून की प्रक्रिया को मजाक की तरह लिया है और फांसी को टलवाने के लिए साथ मिलकर लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि दोषी न केवल कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे हैं बल्कि सभी के धैर्य की परीक्षा भी ले रहे हैं। मेहता ने कहा कि दोषी चाहते हैं कि निचली अदालत एक मानव जीवन का मूल्य समझे लेकिन वे भूल गए कि लड़की (पीड़िता) का भी जीवन था। न्यायमूर्ति कैत ने तब चारों दोषियों, महानिदेशक (कारावास) और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को भी नोटिस जारी करके केंद्र सरकार की याचिका पर उनका रुख पूछा।

केंद्र ने दलील दी कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने चारों दोषियों के खिलाफ जारी मृत्यु वारंट को स्थगित करके अपने अधिकारक्षेत्र से आगे जाकर काम किया। अर्जी में कहा गया कि निचली अदालत ने दोषियों के खिलाफ जारी मृत्यु वारंट की तामील को ‘‘अगले आदेश तक’’ स्थगित किया लेकिन यह समझने में असफल रहे कि वे लड़की से सामूहिक बलात्कार और हत्या के जघन्य के अपराध के दोषी पाये गए थे।

इसमें कहा गया कि दोषियों को उन्हें प्राप्त सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने का पर्याप्त समय दिया गया लेकिन उन्होंने अपनी अर्जियां दायर करने में जानबूझकर देरी की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ने विनय की दया अर्जी खारिज कर दी है जो बुधवार को दायर की गई थी।

महानिदेशक (कारागार) संदीप गोयल ने कहा कि अक्षय ठाकुर ने शनिवार को दया अर्जी राष्ट्रपति कोविंद के समक्ष दायर की। सोलह दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गयी थी। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी।

Web Title: Nirbhaya: Judicial process became joke, President rejects plea of Vinay, third convict files petition

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