लाइव न्यूज़ :

Nirbhaya Case:दिल्ली कोर्ट में जज ने याचिका खारिज करते समय कहा- 'अगर कानून जीने की इजाजत देता है तो फांसी देना पाप'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 8, 2020 12:56 IST

निर्भया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के आदेश के खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार की अपील पर दोषियों को नोटिस जारी करने का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आग्रह स्वीकार नहीं किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाए, न कि अलग-अलग।

Open in App
ठळक मुद्देअतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा, ‘‘जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है।न्यायाधीश ने कहा , ‘‘मैं दोषियों के वकील की इस दलील से सहमत हूं कि महज संदेह और अटकलबाजी के आधार पर मृत्यु वांरट को क्रियान्वित नहीं किया जा सकता है।

केंद्र और दिल्ली सरकार को शुक्रवार को निर्भया मामले में उच्चतम न्यायालय तथा दिल्ली के पटियाला हाईकोर्ट में झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां चारों दोषियों को उनकी फांसी पर स्थगन के खिलाफ नोटिस जारी करने का आग्रह नामंजूर कर दिया, वहीं पटियाला हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी करने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही पटियाला कोर्ट ने कहा कि 'कानून जीने की इजाजत देता इसलिए फांसी देना पाप' है। 

निर्भया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के आदेश के खिलाफ केंद्र और दिल्ली सरकार की अपील पर दोषियों को नोटिस जारी करने का सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आग्रह स्वीकार नहीं किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाए, न कि अलग-अलग।

शीर्ष अदालत में कार्यवाही के चंद घंटे बाद मामला पटियाला हाउस जिला अदालत पहुंचा जिसने दोषियों के खिलाफ नया मृत्यु वारंट जारी करने का दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल के अधिकारियों का आग्रह अस्वीकार कर दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने कहा, ‘‘जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है। उच्च न्यायालय ने पांच फरवरी को न्याय के हित में दोषियों को इस आदेश के एक सप्ताह के अंदर अपने कानूनी विकल्पों का उपयोग करने की इजाजत दी थी।’’

न्यायाधीश ने कहा , ‘‘मैं दोषियों के वकील की इस दलील से सहमत हूं कि महज संदेह और अटकलबाजी के आधार पर मृत्यु वांरट को क्रियान्वित नहीं किया जा सकता है। इस तरह, यह याचिका खारिज की जाती है। जब भी जरूरी हो तो सरकार उपयुक्त अर्जी देने के लिए स्वतंत्र है।’’

न्यायमूर्ति आर भानुमति के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मेहता से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने उन्हें (दोषियों) सभी विकल्प आजमाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। यह वैसे ही आपके पक्ष में है।’’

पीठ ने यह भी कहा कि इस चरण में दोषियों को नोटिस जारी करने से मामले में और विलंब होगा। शीर्ष अदालत की पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना भी शामिल हैं।

मेहता ने यह भी दलील दी कि दोषी विलंब करने की तरकीब अपना रहे हैं और उनमें से एक पवन गुप्ता ने अब तक न तो शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की है और न ही राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की है।

पीठ ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई 11 फरवरी तक के लिए टाल दी कि ‘‘किसी को भी विकल्प आजमाने के लिए विवश नहीं किया जा सकता।’’ इसने मेहता से यह भी कहा कि सुनवाई की अगली तारीख पर वह इस पहलू पर विचार कर सकती है कि क्या इन दोषियों को नोटिस जारी किए जाने की आवश्यकता है।

मेहता ने पीठ से कहा कि इस मामले में दोषियों की विलंब की तरकीबों के जरिए ‘‘देश के धैर्य की अब काफी परीक्षा ली जा चुकी है’’ और शीर्ष अदालत को तय करना होगा कि इस तरह के दोषियों को अलग-अलग फांसी दी जा सकती है या नहीं।

टॅग्स :निर्भया गैंगरेपदिल्लीकोर्टसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत