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जम्मू कश्मीर: NIA ने अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक से की पूछताछ, मंगलवार को फिर से होंगे पेश

By भाषा | Updated: April 9, 2019 00:04 IST

हुर्रियत नेता को इससे पहले 11 और 18 मार्च को दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसमें असमर्थता जताई थी।

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों को आर्थिक मदद देने के मामले में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक से सोमवार को करीब आठ घंटे तक पूछताछ की। इससे पहले फारुक को दो बार पहले भी तलब किया गया था लेकिन वह पेश नहीं हुए थे पर एनआईए की तरफ से सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बाद अंतत: सोमवार को वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए।

अधिकारियों ने बताया कि उनसे मंगलवार को फिर से एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है। उनके साथ पाकिस्तान समर्थक अलगावादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी को भी मंगलवार को तलब किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एनआईए ने अपने दिए आश्वासन के अनुरूप फारुक को दिल्ली हवाईअड्डे पहुंचने पर सुरक्षा मुहैया कराई। मीरवाइज ने दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेशी पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। मीरवाइज के साथ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी भी यहां आए थे। अधिकारियों ने बताया कि मीरवाइज से उनकी पार्टी आवामी एक्शन कमेटी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वित्त पोषण से संबंधित सवाल पूछे लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं मिले।

हुर्रियत नेता को इससे पहले 11 और 18 मार्च को दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसमें असमर्थता जताई थी। पिछले सप्ताह जारी तीसरे समन में एनआईए ने मीरवाइज को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया था। एनआईए अपनी जांच में आतंकवादी कृत्यों, सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों में आगजनी और सरकारी प्रतिष्ठानों को क्षतिग्रस्त करने वाली गतिविधियों के वित्त पोषण के पीछे खड़े पूरे तंत्र का पता लगाने का प्रयास कर रही है।

इस मामले में पाकिस्तान स्थित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद के अलावा सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस के धड़े, हिज्बुल मुजाहिदीन और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे संगठन भी आरोपी हैं। एनआईए के समक्ष पेश होने से पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘ एनआईए के समन को लेकर दिल्ली में अपने सहयोगियों के साथ आया हूं। राजनीतिक लाभ के लिए नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी। उत्पीड़न के बावजूद हुर्रियत कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण हल की मांग करती रहेगी। लोगों से अनुरोध करता हूं कि शांति से घर वापस जाएं और अमन से रहें।’’

हुर्रियत ने रविवार रात को कहा था कि यह कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कोशिश कर रहे राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है और इसको आतंकवाद के साथ जोड़ना हास्यास्पद है तथा उनकी राजनीतिक विचारधारा के लिए उनपर जानबूझ कर अत्याचार करना है। हुर्रियत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब उन्होंने हमेशा से कहा है कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है जिसे शांतिपूर्ण और मानवीय रूप से हल करने की जरूरत है और हमेशा इस दिशा में काम किया है। बावजूद इसके आज के हुक्मरान उन्हें परेशान करने के लिए कानून की आड़ लेकर इस तरह के हथकंडे का सहारा ले रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं। 

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