राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दो पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पर जुलाई में हुए जानलेवा संघर्ष को लेकर केन्द्र, असम और मिजोरम को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा है कि उस दौरान ‘मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ।’’ असम निवासी मोहम्मद इंजमामुल हक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने रविवार को केन्द्रीय गृह सचिव और असम तथा मिजोरम के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर अपनी-अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा। सुनवाई के विवरण में कहा गया है , ‘‘आयोग ने मामले पर विचार किया है। मामले के तथ्य परेशान करने वाले हैं। शिकायत में लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और उसमें सरकारी कर्मचारियों की मौतें तथा घायल होना शामिल है।’’ उसके अनुसार, ‘‘यह मामला मृतकों और घायलों के मानवाधिकार के गंभीर उल्लंघन से जुड़ा हुआ है। आयोग इस तरह के मामलों को बहुत गंभीरता से लेता है। इन परिस्थितियों में, पहले नोटिस भेजें।’’ यह भी कहा गया कि चार सप्ताह के बाद पूर्ण आयोग के समक्ष मामला रखा जाएगा। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर 26 जुलाई को हुए हिंसक संघर्ष में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मियों सहित सात लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसे 30 जुलाई को हक की शिकायत मिली जिसमें भीड़ और मिजोरम पुलिस द्वारा असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, कछार जिला प्रशासन और अन्य पर हमला किए जाने का आरोप लगाया गया था। आयोग ने कहा, ‘‘अर्जी देने वाले ने असम-मिजोरम सीमा पर 26.07.2021 को हुई घटना का पूरा ब्योरा दिया है, जहां गोलीबारी से सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई, कुछ घायल हुए। उसने आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।’’ आइजोल में पांच अगस्त को हुई बैठक में दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों में सहमति बनी कि वे शांति और स्थिरता बनाए रखेंगे और सीमा संबंधी विवाद को बातचीत से सुलझाएंगे। दोनों राज्यों की सीमा पर 29 जून से ही स्थिति तनावपूर्ण है, दोनों राज्य एक-दूसरे पर सीमा के अतिक्रमण का आरोप लगा रहे हैं।
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