एनजीटी पैनल ने डीपीसीसी से पांच वर्षों में यमुना के पानी की गुणवत्ता पर रिपोर्ट देने को कहा
By भाषा | Published: December 4, 2019 05:59 AM2019-12-04T05:59:55+5:302019-12-04T05:59:55+5:30
एनजीटी पैनल ने कहा कि रिपोर्ट 31 दिसंबर से पहले प्रस्तुत की जानी चाहिए और यह पेशेवर और तकनीकी विश्लेषणों पर आधारित होनी चाहिए, अनुमानों पर नहीं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) को यमुना नदी के जल की गुणवत्ता पर पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा है ताकि यह पता लग सके कि इसमें कोई सुधार हुआ है या नहीं।
नदी के पानी की गुणवत्ता पर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का डीपीसीसी को एनजीटी पहले ही काम सौंप चुका है। डीपीसीसी नौ जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के माध्यम से मासिक आधार पर नदी के पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है। समिति ने 27 नवंबर की बैठक के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी से कहा, ‘‘अधिकरण द्वारा मांगी गई रिपोर्ट मुहैया करायी जानी चाहिए, यह वांछित होगा कि डीपीसीसी नौ स्टेशनों पर की गई मासिक जांच और पिछले पांच वर्षों के प्रवृत्ति विश्लेषण के आधार पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करे।’’
उसने कहा, ‘‘ डीपीसीसी को एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है जिसमें उसे पिछले पांच वर्षों के दौरान गौर किये गए गुणवत्ता मानकों को उल्लेखित करने को कहा गया है ताकि यह पता किया जा सके कि पानी की गुणवत्ता में सुधार है या नहीं।’’ एनजीटी पैनल ने कहा कि रिपोर्ट 31 दिसंबर से पहले प्रस्तुत की जानी चाहिए और यह पेशेवर और तकनीकी विश्लेषणों पर आधारित होनी चाहिए, अनुमानों पर नहीं। डीपीसीसी को पानी की गुणवत्ता में बदलाव के कारणों का भी पता लगाना चाहिए।