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Covid New Guidelines: 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं पहनाएं मास्क, स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन, यहां जानें क्या है निर्देश

By आजाद खान | Updated: January 21, 2022 09:56 IST

मंत्रालय ने एंटीमाइक्रोबियल्स दवाओं को ऐसे ही लेने से मना किया है। सरकार ने केवल ‘सुपरएडेड इनफेक्शन’ का ​​संदेह होने पर ही इसे लेने की सलाह दी है।

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ठळक मुद्देमंत्रालय ने नई गाइडलाइन में कहा कि पांच साल और उससे छोटे बच्चों को मास्क पहनना जरूरी नहीं है।दिशा-निर्देश में सरकार ने 6 -11 साल के बच्चों को वह भी पैरेंट्स के देखरेख में मास्क पहनने की बात कही है। सरकार के मुताबिक, स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर, सही खुराक में और सही अवधि के लिए किया जाना चाहिए।

नई दिल्ली: सरकार ने गुरूवार को कहा कि कोरोना वायरस से रक्षा के लिए पांच साल और उससे छोटे बच्चों को मास्क पहनना जरूरी नहीं है। यही नहीं सरकार ने 6 -11 साल के बच्चों को भी मास्क पहनना जरूरी नहीं बताया है, लेकिन अगर वे पहनना चाहते हैं तो अपने पैरेंट्स के सीधा निरीक्षण में वह पहन सकते हैं। अपनी गाइडलाइन में सरकार ने कहा कि संक्रमण की गंभीरता के बावजूद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंटीवायरल या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती है। 

सरकार ने यह भी कहा कि यदि स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है तो उन्हें नैदानिक ​​​​सुधार के आधार पर 10 से 14 दिनों में इसकी खुराक कम करते जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने छोटे बच्चों को लेकर भी बड़ी बात कही है। 

‘बच्चों और किशोरों (18 वर्ष से कम) में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए संशोधित व्यापक दिशा-निर्देश’ में सरकार ने भी कहा है कि पांच साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क की सिफारिश नहीं की जाती है। इसमें कहा गया है कि माता-पिता की सीधी देखरेख में छह-11 के बच्चे सुरक्षित और उचित तरीके से मास्क का उपयोग कर सकते हैं। बता दें कि सरकार कोरोना से संबंधित यह नई गाइडलाइन जारी की है। 

क्या कहा मंत्रालय ने

इस पर मंत्रालय ने आगे कहा कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वयस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। हाल में संक्रमण के मामलों खासकर ओमीक्रोन स्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि के मद्देनजर विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई है।

मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों के उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि ओमीक्रोन स्वरूप के कारण होने वाली बीमारी कम गंभीर है। हालांकि, महामारी की लहर के कारण सावधानीपूर्वक निगरानी की जरूरत है।

दिशा-निर्देश में संक्रमण के मामलों को लक्षण विहीन, हल्के, मध्यम और गंभीर के रूप में वर्गीकृत किया गया। मंत्रालय ने कहा कि बिना लक्षण वाले और हल्के मामलों में उपचार के लिए ‘एंटीमाइक्रोबियल्स या प्रोफिलैक्सिस’ की सिफारिश नहीं की जाती है। 

एंटीमाइक्रोबियल्स दवाओं पर मंत्रालय ने क्या कहा

मंत्रालय ने कहा कि मध्यम और गंभीर मामलों में एंटीमाइक्रोबियल्स दवाओं को तब तक नहीं देना चाहिए जब तक कि एक ‘सुपरएडेड इनफेक्शन’ का ​​संदेह ना हो।

दिशा-निर्देश में कहा गया कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर, सही खुराक में और सही अवधि के लिए किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों की आगे और नए साक्ष्य की उपलब्धता पर समीक्षा की जाएगी और इसे अद्यतन किया जाएगा। 

टॅग्स :कोविड-19 इंडियाCoronaकोरोना वायरसओमीक्रोन (B.1.1.529)
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