अरविंद केजरीवाल के लिए नई मुसीबत, सीएजी करेगा सीएम आवास के नवीनीकरण पर हुए खर्च का ऑडिट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 28, 2023 07:12 AM2023-06-28T07:12:06+5:302023-06-28T07:17:27+5:30
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के लिखे पत्र के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के नवीनीकरण में खर्च हुए धनराशि का ऑडिट सीएजी को करने की सिफारिश की है।
दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी बंगले के नवीनीकरण के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। खबरों के अनुसार उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सलाह पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सीए आवास में हुए नवीनीकरण के खर्च के विशेष ऑडिट की सिफारिश भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से की है।
समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ्तर से मिली खबरों के अनुसार उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीते 24 मई को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास के पुनर्निर्माण में हुई कथित वित्तिय अनियमितताओं के बारे अवगत कराया। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए विशेष सीएजी ऑडिट की सिफारिश की है।
जानकारी के अनुसार उपराज्यपाल की ओर से गृह मंत्रालय के लिखे पत्र में दावा किया गया है कि सीएम आवास के पुनर्निर्माण में प्रथम दृष्टया गंभीर वित्तिय अनियमितताएं पायी गई हैं। खबरों के अनुसार उपराज्यपाल की सिफारिश पर गृह मंत्रालय के उठाये इस कदम से आम आदमी पार्टी में गहरी नाराजगी बताई जा रहा है। और पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए घोर निंदा की है।
दिल्ली सीएम आवास के पुनर्निर्माण का मुद्दा उस समय तूल पकड़ा, जब दिल्ली भाजपा ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि जब साल 2020 और 2022 के बीच देश में फैली कोरोनो महामारी फैली थी, तब उसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये खर्च करके अपने आवास का नवीनीकरण कराया है। मामले में हो-हल्ला मचने के बाद उपराज्यापाल ने संबंधित विषय की जांच कराई।
उसके बाद अब उपराज्यपाल ने अपने पत्र में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा 27 अप्रैल को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय को सीएजी से ऑडिट कराने की मांग की है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में पुनर्निर्माण में नियमों और स्वामित्व के विषय में प्रथम दृष्टया उल्लंघन की जानकारी दी गई है।
दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने इस संबंध में पेश की रिपोर्ट में बताया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर 33.49 करोड़ रुपये और उनके कैंप दफ्तर पर 19.22 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण का कार्य किया गया यानी सतर्कता विभाग ने आंकी गई राशि को 45 करोड़ से बढ़ाकर 52.71 करोड़ रुपये पहुंचा दिया।
वहीं अब इस विवाद में सीएजी ऑडिट की खबर पर आप ने नाराजगी जताते हुए बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है, ''उपराज्यपाल की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने सीएम आवास से संबंधी नवीनीकरण के संबंध में झूठे दावे पेश किये हैं। सारे आरोप मनगढ़ंत हैं और यह विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश का हिस्सा है।''
इसके साथ ही आप ने अपने बयान में विपक्षी दल भाजपा पर "पार्टी की छवि खराब करने" का भी आरोप लगाया है। पार्टी के बयान में कहा गया, "सीएजी जांच कराना एक निर्वाचित सरकार का विशेषाधिकार है और दिल्ली सरकार के मामलों में हस्तक्षेप करके केंद्र सरकार संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है।"
आप की ओर से कहा गया है कि सीएम आवास के नवीनीकरण की बहुत आवश्यकता थी क्योंकि सीएम आवास का निर्माण 80 साल पहले किया गया था और लंबे समय से बिना नवीनीकरण के आंशिक रूप से छत गिरने की तीन घटनाओं के बाद बंगले के रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी पीडब्ल्यूडी ने सीएम आवास के पुनर्निर्माण की सिफारिश की थी।
दिल्ली भाजपा ने गृह मंत्रालय द्वारा सीएम बंगले की सीएजी से ऑडिट कराने की सिफारिश का स्वागत किया है। इस संबंध में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ''सीएजी ऑडिट के बाद केजरीवाल के बंगले की सच्चाई जनता के सामने आ जाएगी।''