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कर्नाटक में नई औद्योगिक नीतिः 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य, कुल रोजगार में 70 प्रतिशत कन्नड़ लोगों को

By भाषा | Updated: July 24, 2020 15:48 IST

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दे दी है। इसमें प्रोत्साहन और छूट के जरिये पांच साल में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

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ठळक मुद्देकुल रोजगार में 70 प्रतिशत कन्नड़ लोगों के लिये होगा। वहीं समूह डी श्रेणी में 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों के लिये होगा। मकसद उत्पादन आधारित प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना है। नीति के तहत औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों को और प्रोत्साहन मिलेगा। 

बेंगलुरु:  कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दे दी। इसमें प्रोत्साहन और छूट के जरिये पांच साल में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही औद्योगिक नीति में रोजगार में कन्नड़ लोगों को प्राथमिकता देने की वकालत की गयी है। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी नई औद्योगिक परियोजनाएं प्रत्यक्ष रूप से अधिकतम संभावित रोजगार के अवसर सृजित करेंगी। 

इसमें कुल रोजगार में 70 प्रतिशत कन्नड़ लोगों के लिये होगा। वहीं समूह डी श्रेणी में 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों के लिये होगा। औद्योगिक विभाग के अनुसार नई औद्योगिक नीति (2020-2025) में कर्नाटक ने कर आधारित प्रोत्साहन के बजाए उत्पादन कारोबार आधारित प्रोत्साहन प्रणाली अपनाया है। इसका मकसद उत्पादन आधारित प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना है। नीति के तहत औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों को और प्रोत्साहन मिलेगा। 

इसका मकसद राज्य में संतुलित औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है। उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा, ‘‘नई औद्योगिक नीति में अत्याधुनिक विनिर्माण, अनुसंधान और विकास, नवप्रवर्तन के रूप में उभरने का दृष्टिकोण है। इसमें समावेशी, संतुलित और सतत विकास के लिये परिवेश बनाने पर जोर है।’’ 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम वस्तु निर्यात में तीसरा स्थान चाहते हैं जो अभी चौथा है। साथ ही सालाना 10 प्रतिशत की दर से औद्योगिक वृद्धि के साथ प्राद्योगिकी और नवप्रवर्तन के लिये उपयुक्त परिवेश तैयार करना चाहते हैं।’’ उत्पादन कारोबार आधारित प्रोत्साहन प्रणाली के बारे में शेट्टार ने कहा कि देश में यह पहली बार किया गया है और इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। नई नीति में विभिन्न प्रोत्साहनों और छूट के जरिये पांच साल में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश और 20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

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